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रैपिड एक्शन फोर्स की रजत जयंती समारोह में बोले राजनाथ, पांच और नयी बटालियन गठित होंगी

मेरठ : केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने शनिवार को कहा कि रैपिड एक्शन फोर्स की पांच और नयी बटालियन का गठन किया जायेगा. नयी बटालियन जनवरी से काम करने लगेगी. राजनाथ रैपिड एक्शन फोर्स (आरएएफ) की रजत जयंती समारोह पर जवानों को संबोधित कर रहे थे. आरएएफ में अभी दस बटालियन काम कर रही हैं […]

मेरठ : केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने शनिवार को कहा कि रैपिड एक्शन फोर्स की पांच और नयी बटालियन का गठन किया जायेगा. नयी बटालियन जनवरी से काम करने लगेगी. राजनाथ रैपिड एक्शन फोर्स (आरएएफ) की रजत जयंती समारोह पर जवानों को संबोधित कर रहे थे. आरएएफ में अभी दस बटालियन काम कर रही हैं और वह सांप्रदायिक रूप से और सुरक्षा के लिहाज से संवेदनशील दस शहरों में कार्यरत हैं. पांच नयी बटालियन का गठन होगा, जो एक जनवरी से काम करना शुरू कर देंगी. गृहमंत्री ने डाक टिकट जारी करते हुए कहा कि 25 वर्षों के कार्यकाल में रैपिड एक्शन फोर्स ने राज्य सरकारों और केंद्र सरकार में अपना अलग स्थान बनाया है.

उन्होंने कहा कि देश की सुरक्षा कानून व्यवस्था में जवानों को जान भी गंवानी पड़ती है, इसके लिए सरकार ने एक जनवरी 2016 से कम से कम एक करोड़ की आर्थिक सहायता करेगी. जब भी देश के किसी भी भाग में जरूरत पड़ती है तब बल के जवान कानून-व्यवस्था में सरकार को मदद करती है. उन्होंने कहा कि 2022 तक नये भारत का निर्माण करना है और हम सब उसका संकल्प लें. महिला बटालियन की प्रशंसा करते हुए उन्होंने कहा कि गृह मंत्रालय की जिम्मेदारी संभालते ही उन्होंने केंद्रीय पुलिस बल में पदोन्नति लागू की जिसमें करीब 35000 कॉन्स्टेबल को लाभ मिला. केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने आज रेखांकित किया कि 21वीं सदी की पुलिस बेरहम नहीं हो सकती है, बल्कि उसे सभ्य बनना होगा और पुलिसकर्मियों से कहा कि दंगे और प्रदर्शनों जैसी चुनौतिपूर्ण हालात से निपटते वक्त वे धैर्य रखें.

मंत्री ने केंद्र और राज्य दोनों पुलिस बलों से अपील की कि प्रदर्शन या दंगे जैसी स्थिति में हंगामा करनेवाली भीड़ को नियंत्रित करने और उनका ध्यान भटकाने के लिए समुचित नई तकनीक और मनोवैज्ञानिक समाधान का प्रयोग करें. उन्होंने सुरक्षा बलों से कहा कि वह जाति, धर्म और क्षेत्रीयता के आधार पर देश को तोड़ने का प्रयास करनेवाली घटनाओं पर प्रभावी निगरानी रखें. उन्होंने कहा, 21वीं सदी की पुलिस बेरहम बल नहीं हो सकती है. उसे सभ्य बल बनना ही होगा. पुलिस बल और जमीनी स्तर पर काम करनेवाले जवानों को दंगा और प्रदर्शन कर रही भीड़ से जैसी मुश्किल और चुनौतिपूर्ण स्थिति से निपटने के दौरान धैर्य और नियंत्रण रखना होगा. केंद्रीय गृहमंत्री ने कहा, मैं समझ सकता हूं कि पुलिस बलों को कभी-कभी सख्ती बरतनी पड़ती है, लेकिन उन हालात में भी विवेक की जरूरत है.

उन्होंने कहा कि वह पहले ही ब्यूरो ऑफ पुलिस रिसर्च एंड डेवेलपमेंट को कम सख्ती का रास्ता तलाशने को कह चुके हैं. देश की आंतरिक सुरक्षा प्रणाली के प्रमुख ने बलों को न्यूनतम बल का प्रयोग करके अधिकतम परिणाम पाने को कहा. उन्होंने कहा कि केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल के कर्मियों को 10,000 रुपये का भत्ता दिया जायेगा जिससे वह वर्दी सिलवा सकें. उन्हें सिली-सिलाई वर्दी अब नहीं दी जायेगी. मंत्री ने कहा कि वह इन बलों के 10 लाख कर्मियों की समय पर पदोन्नति सुनिश्चित करने के तरीकों पर गंभीरता से विचार कर रहे हैं.

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