जौनपुर: उत्तर प्रदेश में साल 2007 में हुए कचहरी परिसरों में सिलसिलेवार बम धमाकों के आरोपी और हाल में अदालत में पेशी से वापस लाए जाते वक्त संदिग्ध हालात में मृत खालिद मुजाहिद के परिजनों ने राज्य सरकार द्वारा पेश छह लाख रुपए की मुआवजा राशि को ठुकरा दिया है.
आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक प्रदेश के कैबिनेट मंत्री पारसनाथ यादव मुजाहिद के परिजन को छह लाख रुपए का चेक देने के लिये उनके मड़ियाहूं स्थित घर पहुंचे, लेकिन घर के लोगों ने उसे स्वीकार नहीं किया.
मुजाहिद के चाचा जहीर आलम फलाही ने यह कहते हुए चेक लेने से मना कर दिया कि इस धनराशि को मंजूर करके वह मुजाहिद की रुह को तकलीफ नहीं पहुंचाना चाहते. फलाही ने कहा कि उन्होंने तथा उनके हमदर्दो ने मुजाहिद पर मढ़े गये आतंकवाद के मुकदमे के खिलाफ लड़ाई में राज्य सरकार द्वारा पेश रकम से सात गुना ज्यादा धनराशि खर्च की है और अगर सरकार वाकई हमारी हमदर्द है तो वह मुजाहिद की मौत की कीमत देने के बजाय उसे इंसाफ दिला दे.
उन्होंने कहा, ‘‘सरकार ने मुजाहिद तथा हकीम तारिक कासमी की गिरफ्तारी की जांच के लिये गठित निमेष आयोग की रिपोर्ट को छिपाकर मुजाहिद के कत्ल का रास्ता साफ किया था. हमें इंसाफ नहीं मिला. हमें न्याय मिले इसके लिये हमने मुआवजे की रकम ठुकरायी है.’’ गौरतलब है कि 23 नवम्बर 2007 को लखनउ, वाराणसी तथा फैजाबाद के कचहरी परिसरों में हुए सिलसिलेवार बम धमाकों के मामले में आरोपी खालिद मुजाहिद की गत 18 मई को फैजाबाद की अदालत में पेशी के बाद लौटते वक्त रास्ते में तबीयत खराब होने पर अस्पताल ले जाया गया था, जहां डाक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया था. सरकार ने उसके परिजन को छह लाख रुपए मुआवजा देने का ऐलान किया था.