मुम्बई: मुम्बई की एक अदालत ने आज चेन्नई सुपरकिंग्स टीम के मालिक गुरुनाथ मयप्पन की पुलिस हिरासत 31 मई तक बढ़ा दी.
शहर पुलिस की अपराध शाखा द्वारा अदालत को यह बताए जाने पर उसकी पुलिस हिरासत बढ़ाई जाये ताकि वह मयप्पन और आईपीएल सट्टेबाजी में गिरफ्तार अभिनेता विंदू रंधावा का चेन्नई के एक होटल व्यवसायी से आमना सामना करवा सके, मयप्पन की हिरासत की अवधि बढाई गयी. उस होटल व्यवसायी पर भी पर इस मामले में शामिल होने का संदेह है.
चेन्नई के होटल रैडिसन ब्लू के मालिक विक्रम अग्रवाल को मुम्बई पुलिस की अपराध शाखा ने 31 मई को पेश होने के लिए सम्मन जारी किया है.अपने रिमांड आवेदन में अपराध शाखा ने कहा कि वह 35 वर्षीय मयप्पन और विन्दू का पहले ही आमना सामना करा चुकी है. विन्दू के जरिए ही चेन्नई सुपरकिंग्स के प्रमुख पर आईपीएल मैचों में सट्टेबाजी करवाने का आरोप है.
बीसीसीआई अध्यक्ष एन. श्रीनिवासन के दामाद मयप्पन टीम की रणनीति और खिलाड़ियों के संबंध में विन्दू को अंदरुनी जानकारी मुहैया कराने का आरोपी है. यह जानकारी विन्दू सट्टेबाजों तक पहुंचाता था. रिमांड आवेदन में कहा गया है कि मयप्पन और विन्दू टेलीफोन पर सूचना का आदान प्रदान करने के लिए ‘‘कूट भाषा’’ में बात किया करते थे. इसमें खिलाड़ियों से संबंधित सूचना भी शामिल होती थी, जिसका इस्तेमाल सट्टा लगाने के लिए किया जा सकता था. इसमें कहा गया, ‘‘इस कूट भाषा का पर्दाफाश किए जाने की आवश्यकता है.’’ रिमांड के आवेदन में यह भी कहा गया है कि विन्दू और सट्टेबाजों से संपर्क साधने के लिए मयप्पन द्वारा इस्तेमाल किए गए फोनों में से एक उसके कर्मचारी कमलनाथ के नाम पर था. ‘‘इस मुद्दे की आगे जांच किए जाने की जरुरत है.’’
बचाव पक्ष के वकील हर्षद पोंडा ने मयप्पन का पुलिस रिमांड बढ़ाए जाने के लिए बताए गए आधारों का यह कहकर विरोध किया कि ‘‘मेरे मुवक्किल के खिलाफ यहां तक कि कोई जमानती अपराध भी नहीं बनता. जांच तब भी आगे बढ़ सकती है जब वह (मयप्पन) बाहर हों.’’ अतिरिक्त मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट ए. एम पडवाड ने हालांकि, पोंडा की दलील को खारिज कर दिया और यह कहते हुए मयप्पन का रिमांड बढ़ा दिया, ‘‘जांच में प्रगति हुई है. आगे पूछताछ की आवश्यकता है, ताकि जांच एजेंसी को साक्ष्य एवं सामग्री जुटाने के लिए उचित एवं पूर्ण अवसर मिल सके.’’
मयप्पन को आईपीएल मैचों में उसकी कथित संलिप्तता के लिए गत शुक्रवार की आधी रात गिरफ्तार किया गया था, जिससे चेन्नई फ्रेंचाइजी के भविष्य पर सवाल खड़े हो गए थे और भारतीय क्रिकेट संकट से घिर गया क्योंकि नैतिक के आधार पर बीसीसीआई अध्यक्ष के रुप में श्रीनिवासन के इस्तीफे की मांग हर रोज जोर पकड़ने लगी.