मुंबई:गुजरात के पूर्व गृह राज्य मंत्री अमित शाह ने साहेब के इशारे पर महिला की कथित रूप से जासूसी करवायी थी, लेकिन साहेब कौन थे,यह सच शायद ही कभी सामने आ पायेगा. एक अखबार में छपी खबर के मुताबिक साहेब की पहचान रहस्य ही रह जायेगी. साहेब ने 2009 में अमित शाह को 24 घंटे महिला की निगरानी के लिए कहा था. अमित शाह ने इसके लिए निलंबित आइपीएस अधिकारी जीएल सिंघल का इस्तेमाल किया था.
जब शाह ने सिंघल को महिला की हर वक्त निगरानी के लिए कहा तब आइपीएस अधिकारी ने फोन पर हुई बातचीत को रिकॉर्ड कर लिया था. वेबसाइट गुलेल डॉट कॉम ने इसी रिकॉर्डिग के आधार पर महिला जासूसी कांड का खुलासा किया था. अखबार के मुताबिक सिंघल मामले की जांच करने वाले जस्टिस सुज्ञन्या भट्ट की अध्यक्षता वाले जांच आयोग के सामने कहेगा कि वह नहीं जानते कि साहेब कौन है? शाह और सिंघल के बीच हुई बातचीत के सभी 267 ऑडियो टेप सीबीआइ को सौंपे जा चुके हैं. टेप में अमित शाह को यह कहते हुए सुना गया कि साहेब महिला की गतिविधियों की हर जानकारी चाहते हैं. वह किन स्थानों पर जाती है. वह किन लोगों से मिलती है. शाह ने एक बार भी साहेब का असली नाम नहीं लिया.
सिंघल जांच आयोग को बताने जा रहे हैं कि उन्होंने कभी यह जानने की कोशिश नहीं की थी कि साहेब कौन हैं और वह महिला पर इतने फिदा क्यों हैं? सिंघल आयोग के सामने अब तक सिर्फएक बार पेश हुए हैं. वह और सबूत सौंपने के लिए वक्त मांगेंगे. जांच आयोग का कार्यकाल 31 मई को समाप्त हो रहा है. जांच आयोग का कार्यकाल बढ़ाया जा सकता है. सिंघल ने यू-टर्न को लेकर कुछ भी कहने से इनकार किया है. सिंघल के एक करीबी आइपीएस अधिकारी ने बताया कि साहेब की पहचान के बारे में अनभिज्ञता का बहाना उस डील का हिस्सा है जिसमें वह अपने सात करीबी पुलिसकर्मियों को बचाना चाहता है. सिंघल सातों पुलिस कर्मियों को मुकदमे से बचाना चाहता है.