नयी दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने गौतमबुद्ध नगर संसदीय क्षेत्र में नामांकन पत्र दाखिल करने के बाद कांग्रेस प्रत्याशी के भाजपा में शामिल होने की घटना के मद्देनजर वहां 10 अप्रैल को होने वाला मतदान स्थगित करने का अनुरोध आज ठुकरा दिया.
न्यायमूर्ति रंजना प्रकाश देसाई और न्यायमूर्ति मदन बी लोकूर की खंडपीठ ने गौतमबुद्ध नगर लोकसभा सीट के लिये फिर से मतदान की तारीख अधिसूचित करने से इंकार करते हुये कहा, ‘‘इसे अब अधिसूचित नहीं किया जा सकता. इससे छेडछाड नहीं की जाय.’’न्यायाधीशों ने कहा, ‘‘इस चरण में हम कुछ नहीं करेंगे.’’ कांग्रेस प्रत्याशी रमेश चंद तोमर नामांकन पत्र दाखिल करने और फिर पर्चा वापस लेने की तिथि के बाद भाजपा में शामिल हो गये.तोमर ने कांग्रेस प्रत्याशी के रुप में 21 मार्च को नामांकन दाखिल किया था और उन्हें पार्टी का चुनाव चिह्न आबंटित किया गया था. उन्होंने तीन अप्रैल तक चुनाव प्रचार भी किया था. तोमर तीन अप्रैल को भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेन्द्र मोदी के साथ गाजियाबाद में मंच पर नजर आये थे.
गौतमबुद्ध नगर संसदीय क्षेत्र का चुनाव स्थगित करने के लिये नोएडा निवासी मुकेश यादव और विक्रांत सिंह कासना ने वकील जीतेन्द्र मोहन शर्मा के जरिये याचिका दायर की थी. याचिका में दलील दी गयी थी कि नामांकन पत्र दाखिल करने के बाद कांग्रेस प्रत्याशी का विरोधी दल में शामिल होना ‘भ्रष्ट आचरण’ है.याचिकाकर्ताओं का कहना था कि चूंकि निर्वाचन आयोग ने उनके प्रतिवेदन पर विचार नहीं किया, इसलिए वे शीर्ष अदालत में आने के लिये बाध्य हुये हैं.शीर्ष अदालत में याचिका खारिज होने के साथ ही अब तोमर का नाम इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन में कांग्रेस चुनाव चिह्न के सामने ही आयेगा. तोमर 1991 से लगातार चार बार हापुड से भाजपा के सदस्य के रुप में चुनाव जीते थे लेकिन 2004 में चुनाव हार गये थे. तोमर 2009 में कांग्रेस में शामिल हो गये थे.