अमृतसर: भारी संख्या में मौजूद सेवानिवृत सैनिकों के मतों पर नजर लगाए बैठे कैप्टन अमरिंदर सिंह बार-बार अपनी सैन्य पृष्ठभूमि और 1965 में हुये भारत-पाक युद्ध में शामिल होने की चर्चा कर रहे हैं. उनका मुख्य मुकाबला 30 अप्रैल को होने वाले चुनाव में भाजपा के अरुण जेटली से है.
पंजाब में लगभग 6.5 लाख सेवानिवृत सैन्यकर्मी हैं, जिसमें से लगभग 55,000 सीमावर्ती अमृतसर निर्वाचन क्षेत्र में रहते हैं. इस संसदीय निर्वाचन क्षेत्र में नौ विधानसभा सीट है. सिख बाहुल्य इस संसदीय क्षेत्र में लगभग 15 लाख मतदाता हैं. एक प्रमुख सेवानिवृत सैन्यकर्मी लेफ्टिनेंट कर्नल हरजिंदर सिंह संघा ने बताया कि सैन्यकर्मी गैर राजनीतिक व्यक्ति होते हैं और सही व्यक्ति का समर्थन करेंगे.
जहां तक पूर्व मुख्यमंत्री से इनके वोट के लिए संबंध है, वह कहते हैं ‘‘मुङो लगता है कि पूर्व सैन्यकर्मी निश्चित रुप से कैप्टन अमरिंदर को समर्थन देंगे क्योंकि वह हमारे प्रतिनिधि हैं.’’ पवित्र नगरी अमृतसर में पूर्व सैन्यकर्मियों की महत्ता को समझते हुये अमरिंदर ने गुरजीत सिंह जावांडा को पूर्व सैन्यकर्मियों को कांग्रेस के पक्ष में वोट देने के लिए राजी करने के वास्ते काम में लगाया है. वह 1971 में हुये भारत पाक युद्ध के दौरान वायु सेना में पायलट थे.