नयी दिल्ली : केंद्रीय गृह सचिव राजीव महर्षि ने बुधवार को कहा कि भगोड़ा माफिया सरगना दाऊद इब्राहिम पाकिस्तान में है और कानून का सामना करने के लिए दाऊद को भारत लाने में वह देश रोड़े अटका रहा है. दाऊद इब्राहिम 1993 के मुंबई विस्फोट मामलों में प्रमुख आरोपी है. उस घटना में 260 लोग मारे गये थे और सात सौ से ज्यादा लोग घायल हुए थे. महर्षि ने कहा कि सरकार सभी जरुरी कार्रवाई कर रही है ताकि दाऊद इब्राहिम को भारत वापस लाया जा सके. राजीव महर्षि का कार्यकाल गुरुवारको समाप्त हो रहा है.
महर्षिने कहा कि पाकिस्तान का ‘रवैया’ अंतरराष्ट्रीय कानून के अनुरूप नहीं है और वह दाऊद के मामले में भारत के खिलाफ काम कर रहा है. उन्होंने कहा, ‘जिस किसी कार्रवाई की जरूरत है, हम कर रहे हैं. हम उसे वापस लायेंगे. प्रक्रिया जारी है. लेकिन, पाकिस्तान का रवैया अंतरराष्ट्रीय कानून के अनुरूप नहीं है. हम उसे उचित समय पर हासिल कर लेंगें.’ विस्फोटों के बाद वह भारत से भाग गया और अभी पाकिस्तान में छिपा हुआ है. गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने अप्रैल में कहा था कि इसमें कोई संदेह नहीं है कि दाऊद अब भी पाकिस्तान में है. पिछले 10 सालों में, भारत ने मुंबई विस्फोट मामले में दाऊद को आरोपी बताते हुए पाकिस्तान को कई दस्तावेज सौंपे हैं.
कुछ दिन पहले ही एक अंग्रेजी अखबार ने कांग्रेस के एक बड़े नेता के हवाले से कहा था कि अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम भारत आना चाहता था. भारत आने के लिए उसने सरकार के सामने कुछ शर्तें रखी थी, लेकिन सरकार इसके लिए राजी नहीं हुई. अखबार ने लिखा था कि दाऊद की वापसी के लिए उच्च स्तर पर बातचीत भी हुई थी, लेकिन बाद में सरकार ने इस पर कोई रुचि नहीं दिखायी और पूरा मामला ठंडा हो गया. सरकार चाहती थी कि दाऊद को उसके शर्तों के साथ भारत ना लाया जाये. दाऊद ने कई ऐसी शर्तें रखी थी जिसे मानना मुश्किल था. दाऊद को भारत लाने के संबंध में एक हाई लेवल मीटिंग भी हुई थी जिसमें तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और तत्कालीन नेशनल सिक्यूरिटी एडवाइजर शिवशंकर मेनन शामिल थे. इस बैठक में फैसला लिया गया कि दाऊद की शर्तें नहीं मानी जा सकती.हालांकि, अखबार में छपी इस खबर को पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने निराधार बताया था और कहा कि उन्हें याद नहीं कि यह सब कब हुआ. मेरे पीएम रहते ऐसे मुद्दे पर कोई चर्चा नहीं हुई थी.
मामले में शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा था कि दाऊद वकीलों के माध्यम से अपनी शर्तों के दम पर भारत वापस आना चाहता है. भारत को पाकिस्तान पर दबाव बनाना चाहिए. भारत का गुनाहगार पाकिस्तान का स्टेट गेस्ट है. भारत को पाकिस्तान के ऊपर ऐसा दबाव बनाना चाहिए कि वह उसे पकड़ कर भारत को दे दे. अखबारों में उसकी चर्चा करके कुछ नहीं होगा. उसे वापस लाना है तो पाकिस्तान की छाती पर पांव रख कर वापस लाना होगा.