नयी दिल्ली : गुजरात के 2002 के दंगों को लेकर विभिन्न आरोपों का सामना कर रहे नरेन्द्र मोदी ने आज देश को भरोसा दिलाया कि प्रधानमंत्री बनने पर वह कभी भी ‘‘बद इरादे’’ से कोई काम नहीं करेंगे.
पार्टी के चुनावी घोषणापत्र को आज यहां भाजपा मुख्यालय में जारी किए जाने के अवसर पर उन्होंने कहा, ‘‘भाजपा ने मुझे निश्चित जिम्मेदारी (प्रधानमंत्री पद की उम्मीदवारी) सौंपी है. मैं व्यक्तिगत रुप से तीन वायदे करना चाहता हूं. व्यक्ति के रुप में मुझेजनता जो दायित्व देगी, उसे पूरा करने के परिश्रम में मैं कोई कमी नहीं छोडूंगा.’’ अन्य दो वायदों में उन्होंने कहा, ‘‘मैं अपने :फायदे: लिए कभी कुछ नहीं करुंगा. और तीसरा यह कि मैं बद इरादे से कभी कोई काम नहीं करुंगा. मैं यह भरोसा देता हूं.’’ ‘बद इरादे’ से कोई काम नहीं करने पर उनका जोर दिया जाना काफी महत्वपूर्ण है क्योंकि समाज का एक वर्ग , खासतौर पर अल्पसंख्यक गुजरात में उनके शासन काल में हुए वर्ष 2002 के दंगों को लेकर काफी आशंकित हैं. मोदी ने कहा कि भाजपा द्वारा आज जारी किया गया घोषणापत्र कोई रस्म या कागज का टुकडा नही है बल्कि शासन में आने पर हमारे द्वारा तय किया गया, यह लक्ष्य है जिसे हम पूरा करेंगे.
उन्होंने कहा कि पिछले 60 सालों में कांग्रेस ने देश को ‘‘गड्ढे में गिरा दिया है’’ जिससे उसे निकालने की जरुरत है. उन्होंने जनता से कहा कि कांग्रेस को आपने 60 साल दिए और अब आप हमें 60 महीने सेवा का मौका दीजिए. इस घोषणापत्र के जरिए हम सारी कमियों को दूर करने में पीछे नहीं हटेंगे. ‘‘ एक भारत , श्रेष्ठ भारत ’’ , ‘‘सबका साथ, सबका विकास’’ का नारा देते हुए उन्होंने वादा किया कि भाजपा शासन में सभी वर्गो और समुदायों को विकास में शामिल किया जाएगा. उन्होंने कहा कि दलितों , पिछडों , शोषितों, वंचितों के लिए सरकार ही सहारा है और भाजपा सरकार पंडित दीनदयाल उपाध्याय की अंतोदय की कल्पना को लेकर आगे चलेगी जिसमें अंतिम पंक्ति में खडे व्यक्ति को भी आगे बढने का अवसर मिलेगा.