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भाजपा के घोषणापत्र में राम मंदिर जैसे विवादित मुद्दे भी शामिल

नयी दिल्ली :भाजपा ने नीतियों में आयी कथित अपंगता, भ्रष्टाचार और ‘‘कर आतंकवाद’’ को समाप्त करने की प्रतिबद्धता के साथ ही राम मंदिर, समान नागरिक संहिता और जम्मू कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाली धारा 370 जैसे विवादास्पद मुद्दों को भी आज जारी पार्टी के घोषणापत्र का हिस्सा बनाया. बहुप्रतीक्षित 64 पन्नों के […]

नयी दिल्ली :भाजपा ने नीतियों में आयी कथित अपंगता, भ्रष्टाचार और ‘‘कर आतंकवाद’’ को समाप्त करने की प्रतिबद्धता के साथ ही राम मंदिर, समान नागरिक संहिता और जम्मू कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाली धारा 370 जैसे विवादास्पद मुद्दों को भी आज जारी पार्टी के घोषणापत्र का हिस्सा बनाया.

बहुप्रतीक्षित 64 पन्नों के ‘‘एक भारत , श्रेष्ठ भारत , सबका साथ सबका विकास’’ नामक अपने घोषणापत्र में बेहतर प्रशासन के जरिए भाजपा ने अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवन प्रदान करने का रोडमैप भी पेश किया.पार्टी के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेन्द्र मोदी सहित भाजपा के पहली पंक्ति के तमाम नेताओं की मौजूदगी में जारी घोषणापत्र में देश को 21वीं सदी में ले जाने का वादा करते हुए पार्टी ने कहा कि सत्ता में आने पर वह तेज रफ्तार बुलेट ट्रेनों का देश में जाल बिछाएगी और अपनी इस योजना को उसने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के शासन के समय की स्वर्ण चतुभरुज राजमार्ग योजना की तर्ज पर ‘‘हीरक चतुभरुज रेल परियोजना’’ का नाम दिया है.

21वीं सदी को भारत की सदी बनाने के वादे के साथ ही घोषणापत्र में भाजपा ने अयोध्या में संविधान के दायरे में राम मंदिर के निर्माण के लिए सभी संभावनाएं तलाशने की भी बात कही गई है.साथ ही उसने समान नागरिक संहिता लागू करने तथा जम्मू कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने संबंधी धारा 370 को समाप्त करने की भी अपनी प्रतिबद्धता दोहरायी.

घोषणापत्र जारी किए जाने के अवसर पर गुजरात के 2002 के दंगों को लेकर विभिन्न आरोपों का सामना करने वाले नरेन्द्र मोदी ने देश को भरोसा दिलाया कि प्रधानमंत्री बनने पर वह कभी भी ‘‘बद इरादे’’ से कोई काम नहीं करेंगे.मुसलमानों को शांतिपूर्ण, सुरक्षित और भयमुक्त माहौल उपलब्ध कराने का वादा करते हुए घोषणापत्र में भाजपा ने आज इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताया कि मुसलमानों का एक बडा समूह अभी भी गरीबी रेखा से नीचे जीवनयापन कर रहा है.

घोषणापत्र में कहा गया है कि मुसलमानों को ‘‘शांतिपूर्ण और सुरक्षित माहौल उपलब्ध कराया जाएगा, जहां न तो शोषण का डर रहेगा और न ही तुष्टिकरण का. साथ ही विभिन्न धर्मां में आस्था रखने वालों के बीच एक विचार विमर्श तंत्र की ऐसी विश्वसनीय प्रणाली बनायी जाएगी, जिससे आपसी विश्वास और भाईचारे का माहौल बना रहे और ऐसा तंत्र धार्मिक नेताओं की देखरेख में काम करेगा.

उधर, देश के अब तक के सारे चुनाव देख चुके लालकृष्ण आडवाणी ने इस मौके पर कहा कि नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में जो राजनीति चलने वाली है , उसके बारे में उन्हें ‘‘बहुत आनंद’’ का अनुभव हो रहा है.9 चरण में हो रहे लोकसभा चुनाव के पहले दिन घोषणापत्र जारी करने के लिए उसके विरोधी दलों ने आलोचना की है.

संप्रग-1 और संप्रग-2 के दस साल के शासनकाल को ‘‘गिरावट का दशक’’ बताते हुए घोषणापत्र में कहा गया कि इस दौरान भारत में हर प्रकार की समस्याओं से निपटने में गिरावट आई है. चाहे वह शासन हो, आर्थिक स्थिति हो, राजनयिक अपमान हो, विदेश नीति की असफलता हो, सीमापार घुसपैठ हो, भ्रष्टाचार और घोटाले हों या महिलाओंे के साथ होने वाले अपराध हों.

इसमें कहा गया, सरकार प्रतिदिन दुविधा में ही पडी रही जिसके कारण देश पर निराशा और विनाश के बादल मंडराते रहे जबकि राजग शासन के समय भारत को ‘उभरती हुई महाशक्ति’ कहा जाने लगा था.

विदेश नीति के बारे में घोषणापत्र में कहा गया कि अपने आस पडोस में संभावित भाजपा सरकार मित्रतापूर्ण संबंधों को बढावा देगी लेकिन जहां कहीं जरुरी हुआ, वहां वह सख्त कदम उठाने से भी नहीं हिचकिचाएगी. उसने कहा कि वह बडी शक्तियों के हितों द्वारा निर्देशित होने के बजाय अपने आसपडोस में तथा इससे परे देशों के साथ विवेक के आधार पर व्यवहार करेगी.

अल्पसंख्यकों से घोषणापत्र में वादा किया गया कि उनके जीवन स्तर को उंचा उठाने और उद्योग के क्षेत्र में उनके लिए सुविधाएं उपलब्ध करायी जाएंगी.संप्रग सरकार की कर नीति को ‘‘टैक्स आतंकवाद’’ का नाम देते हुए भाजपा के घोषणापत्र में कहा गया कि इसने अनिश्चितता बढाने का काम किया है, जिसके कारण व्यापारी वर्ग में एक प्रकार की हताशा आयी है और निवेश के वातावरण पर नकारात्मक प्रभाव पडा है.

इसके साथ ही इससे देश की साख पर भी बट्टा लगा है. पार्टी ने कहा कि सत्ता में आने पर वह कर प्रणाली को तार्किक और आसान बनाएगी और विवादों के निपटारे के लिए तंत्र विकसित करेगी. इसमें कहा गया कि आधुनिक भारत समान अवसर वाला होना चाहिए. भाजपा यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है कि भारत के विकास में सभी समुदायों की समान भागीदारी होनी चाहिए.

काले धन के बारे में घोषणापत्र में कहा गया कि भाजपा की सरकार आने पर भ्रष्टाचार की गुंजाइश न्यूनतम करके ऐसी स्थिति पैदा की जाएगी कि काला धन पैदा ही न होने पाए. इसमें यह वादा भी किया गया कि आने वाली भाजपा सरकार विदेशी बैंकों और समुद्र पार के खातों में जमा काले धन का पता लगाने और उसे वापस लाने के लिए हरसंभव प्रयास करेगी. नदियों को जोडने के बारे में अपने पिछले रुख में परिवर्तन करते हुए पार्टी ने कहा ,‘‘व्यावहारिकता के आधार पर नदियों को आपस में जोडने पर विचार होगा.’’

भाजपा ने अपने चुनावी घोषणापत्र में अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण, जम्मू कश्मीर से धारा 370 हटाने और समान नागरिक संहिता जैसे मुद्दों को शामिल करते हुए लोगों से इन्हें पूरा करने का वायदा किया है. भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी एवं अन्य नेताओं द्वारा आज यहां पार्टी मुख्यालय में जारी किए गए 52 पन्नों के घोषणापत्र में सुशासन और समेकित विकास देने का भी वायदा किया गया है.

एक पखवाडे के विलम्ब से जारी घोषणापत्र में कहा गया है, ‘‘भाजपा अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के लिए संविधान के दायरे में सभी संभावनाओं को तलाशने के अपने रुख को दोहराती है.’’ राम मंदिर मुद्दे को शामिल करने पर पार्टी के भीतर मतभेदों की खबरों के बारे में पूछे जाने पर घोषणापत्र समिति के अध्यक्ष मुरली मनोहर जोशी ने कहा, ‘‘यदि आप अपनी सोच के हिसाब से कुछ लिखना चाहते हैं तो आप ऐसा करने को स्वतंत्र हैं.’’

9 चरण में हो रहे लोकसभा चुनाव के पहले दिन घोषणापत्र जारी करने के लिए उसके विरोधी दलों ने आलोचना की है. ऐसी अटकलें थीं कि जोशी द्वारा तैयार किए गए मसौदे के कुछ बिन्दुओं पर मोदी को आपत्ति थी और वर्तमान में प्रचार अभियान में विकास पर मोदी के जोर के मद्देनजर संघ परिवार के पसंदीदा विषय इसमें शामिल नहीं होंगे.

यह पूछे जाने पर कि क्या पार्टी राम मंदिर के मुद्दे को शामिल कर मतदाताओं को भ्रमित करने की कोशिश कर रही है और क्या इसे हिन्दुत्व के मुद्दे को फिर से उठाना कहा जा सकता है, जोशी ने कहा, ‘‘इसका हिन्दुत्व या किसी अन्य चीज से कोई लेना देना नहीं है. यह केवल विकास के कार्यक्रम का वायदा है.’’ उन्होंने कहा कि हिन्दुत्व कभी भी चुनावी मुद्दा नहीं रहा है और घोषणापत्र विकास तथा सुशासन के मुद्दों पर आधारित है. जोशी ने राम मंदिर के वायदे के संदर्भ में कहा, ‘‘हमने इसे ‘‘सांस्कृतिक विरासत’’ के खंड में रखा है. हमारे लिए जो सांस्कृतिक रुप से महत्वपूर्ण है, वह हमने कहा है.’’ उन्होंने कहा कि यह मुद्दा पार्टी के पूर्व के घोषणापत्रों में भी शामिल किया जाता रहा है और पार्टी का रुख बदला नहीं है.

समान नागरिक संहिता के मुद्दे पर घोषणापत्र में कहा गया, ‘‘ संविधान की धारा 44 में समान नागरिक संहिता राज्य नीति के निर्देशक सिद्धांतों के रुप में दर्ज की गई है. भाजपा का मानना है कि जब तक भारत में समान नागरिक संहिता को अपनाया नहीं जाता है, तब तक लैंगिक समानता कायम नहीं हो सकती है. समान नागरिक संहिता सभी महिलाओं के अधिकारों की रक्षा करती है. भाजपा सर्वश्रेष्ठ परंपराओं से प्रेरित समान नागरिक संहिता बनाने को कटिबद्ध है जिसमें उन परंपराओं को आधुनिक समय की जरुरतों के मुताबिक ढाला जाएगा.’’ जम्मू कश्मीर का उल्लेख करते हुए घोषणापत्र में साफ तौर पर कहा गया कि इस प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देने वाली धारा 370 का हटाने के अपने दृष्टिकोण पर पार्टी कायम है और रहेगी.

इसमें कहा गया कि कश्मीरी पंडितों की अपने पूर्वजों की भूमि में ससम्मान, सुरक्षित और सुनिश्चित आजीविका के साथ वापसी सुनिश्चित करना भाजपा के एजेंडे में उच्च स्थान पर रहेगा. रामसेतु के संदर्भ में घोषणापत्र में कहा गया कि यह देश की सांस्कृतिक विरासत का अंग है और थोरियम भंडारों के कारण इसका सामरिक महत्व भी है. सेतु समुद्रम परियोजना पर निर्णय लेते समय इन तथ्यों पर विचार किया जाएगा.

संप्रग-1 और संप्रग-2 के दस साल के शासनकाल को ‘‘गिरावट का दशक’’ बताते हुए कहा कि इस दौरान भारत में हर प्रकार की समस्याओं से निपटने में गिरावट आई है. चाहे वह शासन हो, आर्थिक स्थिति हो, राजनयिक अपमान हो, विदेश नीति की असफलता हो, सीमापार घुसपैठ हो, भ्रष्टाचार और घोटाले हों या महिलाओं के साथ होने वाले अपराध हों. इसमें कहा गया, सरकार प्रतिदिन दुविधा में ही पडी रही जिसके कारण देश पर निराशा और विनाश के बादल मंडराते रहे जबकि राजग शासन के समय भारत को ‘उभरती हुई महाशक्ति’ कहा जाने लगा था.

इसके अनुसार, संप्रग शासन ने देश के सामने मौजूद महत्वपूर्ण और तात्कालिक स्थिति पर ही नहीं पडी बल्कि इससे देश की दीर्घकालिक क्षमताओं पर भी बुरा असर ड्राला. लोग कुंठित महसूस कर रहे हैं और उनका विश्वास व्यवस्था से हट गया है. भाजपा इन सारे मसलों का हल प्राथमिकता के आधार पर निकालने के लिए त्वरित और निर्णायक कदम उठाएगी.

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