नयी दिल्ली : गुरमीत राम रहीम का समर्थन करने वाले हरियाण पुलिस में भी मौजूद थे. पुलिस सूत्रों के मुताबिक सात लोगों ने राम रहीम के दोषी साबित होने पर उसको वहां से भगाने की साजिश रची थी. इसे लेकर बाकी पुलिसवालों और सिक्योरिटी गार्ड से उन लोगों की झड़प भी हो गयी थी, जिनके चलते वे अपने प्लान में फेल हो गये.
फेल होने के बाद कथित रूप से उन लोगों ने ही किसी को फोन किया और फिर हिंसा शुरू हुई. पुलिस भी मान रही है कि फोन कॉल की वजह से ही हिंसा ज्यादा भड़की. पुलिस के मुताबिक, बाबा को भगाने की कोशिश में कुल सात लोग लगे थे. इसमें पांच हरियाणा पुलिस के थे. ये लोग बाबा की जेड प्लस सिक्योरिटी का हिस्सा थे. बाकी दो लोग प्राइवेट सिक्योरिटी गार्ड थे.
पुलिसवालों की पहचान हेड कॉन्सटेबल अजय, कॉन्सटेबल राम सिंह, हेड कॉन्सटेबल विजय सिंह, सब इंस्पेक्टर बलवान सिंह और कॉन्सटेबल किशन कुमार के रूप में हुई है.प्राइवेट सिक्योरिटी में लगे लोगों का नाम प्रीतम सिंह और सुखबीर बताया गया है. इन्हें पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है.
इन पुलिसवालों के खिलाफ आइपीसी के तहत हत्या की कोशिश और आर्म्स एक्ट के तहत पंचकुला के सेक्टर-5 पुलिस स्टेशन में केस दर्ज किया गया है. ये मामला एएसआइ रमेश कुमार की शिकायत पर दर्ज हुई है. रमेश कुमार उस टीम के इंचार्ज थे, जिसे गुरमीत राम रहीम को कस्टडी में लेने के लिए भेजा गया था.