नयी दिल्ली:भाजपा ने एक हैरत भरे फैसले में लोकसभा चुनाव के लिए मतदान प्रक्रिया सुबह शुरू हो चुकने पर यानी, सात अप्रैल को अपना चुनाव घोषणा पत्र जारी करने का गुरुवार को एलान किया. पार्टी की प्रवक्ता निर्मला सीतारमण ने यहां यह जानकारी देने के साथ इन अटकलों को गलत बताया कि पार्टी के कुछ वरिष्ठ नेताओं में घोषणा पत्र में शामिल किये जाने के कुछ मुद्दों को लेकर मतभेद के कारण इसे जारी करने में विलंब हुआ है. इस बार भाजपा ने न सिर्फ अपना घोषणा पत्र जारी करने में देरी की बल्कि वह उसे उस समय जारी करेगी, जबकि उस दिन सुबह मतदान शुरू हो चुके होंगे.
आज ‘आरोपपत्र’ जारी होगा
घोषणा पत्र से पहले भाजपा शुक्रवार को कांग्रेस नीत संप्रग शासन के खिलाफ ‘आरोपपत्र’ जारी करेगी. इसमें संप्रग के दस साल के शासन के दौरान हुए भ्रष्टाचार, घोटालों और अर्थव्यवस्था के कथित कुप्रबंधन का खुलासा किया जायेगा. आम तौर पर राजनीतिक दल चुनाव से एक सप्ताह पहले तक अपने घोषणा पत्र जारी कर देते हैं. कांग्रेस 26 मार्च को अपना घोषणा पत्र जारी कर चुकी है.
कोई विवाद नहीं
सीतारमण ने उन खबरों को ‘बकवास’ बताया जिनमें कहा जा रहा है कि घोषणा पत्र में कुछ मुद्दों को शामिल करने और कुछ को शामिल नहीं करने को लेकर घोषणा पत्र समिति के प्रमुख मुरली मनोहर जोशी और नरेंद्र मोदी के बीच मतभेद हैं. उन्होंने दावा किया कि चुनाव प्रचार में लगे पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के एक तिथि में, एक साथ और एक जगह मिल पाने का समन्वय नहीं होने के कारण यह विलंब हुआ है. यह पूछे जाने पर कि आम तौर पर चुनाव घोषणा पत्र को जारी करने में अन्य दलों से सबसे आगे रहने वाली भाजपा इस मामले में इस बार पीछे क्यों रह गयी, पार्टी प्रवक्ता ने कहा कि यह तथ्य अपने आप में सही है लेकिन घोषणा पत्र जारी करने के दिन सब वरिष्ठ नेताओं से एक तिथि नहीं मिल पाने के कारण ही ऐसा हुआ है.