अहमदाबाद:महिला जासूसी कांड में भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी को बडी राहत मिली. गुजरात उच्च न्यायालय ने निलंबित आईएएस अधिकारी प्रदीप शर्मा की वह अर्जी खारिज कर दी है जिसमें उन्होंने मुख्यमंत्री मोदी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने के निर्देश की मांग की थी. शर्मा ने अर्जी में कहा था कि किसी ‘‘साहेब’’ के इशारे पर गुजरात के पूर्व गृह राज्य मंत्री अमित शाह ने एक महिला की कथित जासूसी कराई थी. इसी मामले में शर्मा ने मोदी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने के निर्देश दिए जाने की गुहार लगाई थी.
अर्जी खारिज करते हुए न्यायमूर्ति जी आर उधवानी ने कहा कि इस मामले में कई वैकल्पिक उपाय उपलब्ध हैं. न्यायाधीश ने शर्मा से कहा कि वह मजिस्ट्रेट अदालत में जा सकते हैं. अदालत ने कहा कि इस याचिका पर संविधान के अनुच्छेद 226 के तहत सुनवाई नहीं की जा सकती है. संविधान के अनुच्छेद 226 में उच्च न्यायालय के समक्ष याचिका दायर करने का प्रावधान है. इससे पहले, प्रदीप शर्मा ने गांधीनगर के सेक्टर-7 पुलिस थाने का रुख किया था पर पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज करने से इनकार कर दिया था. शर्मा ने गुजरात के पुलिस महानिदेशक पी सी ठाकुर और गांधीनगर के पुलिस अधीक्षक शरद सिंघल से भी इस मामले में दखल देने की गुहार लगाई थी और पुलिस से प्राथमिकी दर्ज करने को कहा था पर उनकी सारी कवायद बेनतीजा रही.