नयी दिल्ली : कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं वित्त मंत्री पी चिदम्बरम ने लोकसभा चुनाव न लडने के अपने फैसले को न्यायोचित बताते हुए आज कहा कि जीवन टी 20 मैच की तरह है और यह फैसला मुझे ही करना है कि जिंदगी के अंतिम दस ओवर कैसे खेलूंगा.
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता चिदम्बरम ने यहां कांग्रेस मुख्यालय में संवाददाताओं से कहा, यह एक अच्छा सवाल है. पिछले तीस सालों में मैंने आठ चुनाव लडे हैं. मुझे अपने जीवन में कई और चीजें करनी है. जीवन में सिर्फ एक पारी होती है. यह टी 20 मैच या पचास ओवर वाले एक दिवसीय मैच की तरह है. मुझे यह तय करना पडेगा कि मैं अपने जीवन का अंतिम दस ओवर किस तरह से खेलूं.
यह पूछे जाने पर कि क्या वह राज्य सभा में जाना चाहते हैं 68 वर्षीय वरिष्ठ कांग्रेसी नेता ने तपाक से पूछा किसी ने इसकी पेशकश नहीं की है. क्या आप पेशकश कर रहे हैं ? उन्होंने इस बात को गलत बताया कि वह चुनाव हारने के डर से चुनाव लडने से अपने को दूर रख रहे हैं. उन्होंने कहा कि वह 1999 में चुनाव हारे हैं लेकिन इसने उन्हें 2004 2009 में लोकसभा चुनाव लडने से नहीं रोका.
चिदम्बरम ने कहा कि वह पार्टी के लिए काम करते रहेंगे. उन्होंने यह भी कहा कि वह यात्रा करना चाहते हैं पढना लिखना चाहते हैं. यह पूछने पर कि क्या वह आत्म कथा लिखेंगे, उन्होंने कहा वह इतने बुजुर्ग नहीं हुए हैं कि आत्मकथा लिखें.
यह पूछने पर कि क्या वह लोकसभा चुनाव में वाराणसी में नरेन्द्र मोदी को चुनौती देंगे चिदम्बरम ने कहा कि मेरी इच्छा है कि मैं चुनाव लड़ सकता लेकिन मैं हिंदी नहीं बोल सकता. और मुझे यकीन है मोदी भी शिवगंगा से चुनाव नहीं लड़ना चाहेंगे. शिवगंगा चिदम्बरम का क्षेत्र है जहां से उनके पुत्र कार्ति चुनाव लड़ रहे हैं. उन्होंने कहा, पार्टी मोदी के खिलाफ किसी मजबूत उम्मीदवार की तलाश में है. यदि इसमें एक दिन लगते हैं तो ठीक है.