नयी दिल्लीः अक्सर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र दामोदर भार्इ मोदी सांसदों को योग करके सेहत सुधारने की नसीहत देते हैं, लेकिन 16वीं लोकसभा में भाजपा के ही सबसे अधिक सांसद एेसे हैं, जो अक्सर बीमार रहते हैं. यही वजह है कि वे रोग का इलाज कराने के लिए अवकाश लेकर अक्सर संसद कार्यवाही से अनुपस्थित रहते हैं. हालांकि, संसद से अवकाश लेकर कार्यवाही से गायब रहने वाले सांसदों में अन्य दलों के सांसद भी शामिल हैं, लेकिन इनमें भाजपा के नेता टाॅप हैं.
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पीआरएस लेजिस्लेटिव रिसर्च की आेर से जारी आंकड़ों पर यकीन करें, तो 16वीं लोकसभा के 46 एेसे सांसद हैं, जो सबसे अधिक अवकाश का आवेदन दिये हैं. इन सांसदों में से 34 सांसदों ने सबसे अधिक छुट्टी ली है. इस रिपोर्ट के अनुसार, 16वें लोकसभा के 230 दिनों के कार्य दिवस में सांसदों की उपस्थिति 80 फीसदी दर्ज हुई है. इस दौरान 34 सांसदों द्वारा छुट्टियों के 46 आवेदन भी आये. जारी आंकड़ों के अनुसार, सबसे ज्यादा छुट्टियों के लिए आवेदन बीमारी से संबंधित थी और सबसे ज्यादा भाजपा से 18 छुट्टियों के आवेदन आये है.
इतना ही नहीं, भाजपा के 18 सांसदों की आेर से बीमारी के नाम पर छुट्टी लेने के अलावा तृणमूल कांग्रेस के 09, कांग्रेस के 04, बीजू जनता दल के 04, एनसीपी के 03, पीडीपी के 02, वाइएसआर कांग्रेस के 02, पीएमके के 01, लोजपा के 01 झामुमो के 01 आैर सीपीआइ (एम) के 01 सांसद है, जिन्होंने सबसे अधिक छुट्टी ली है. मजे की बात यह भी है कि 16वीं लोकसभा के कर्इ सांसद एेसे हैं, जो बिना की सूचना के ही संसद की कार्यवाही से दो-दो महीने तक गायब रहे हैं, जिस वजह से लोकसभा में उनकी सीटें खाली रही.
यह आलम तब है, जब संविधान के अनुच्छेद 101 के अनुसार सांसदों को छुट्टी के लिए एक कमेटी को आवेदन देना होता है. उस कमेटी की अनुशंसा पर ही सांसदों को छुट्टी मिलती है. अगर बिना बताये कोई सांसद 60 दिनों तक अनुपस्थित रहे, तो सदन उस सीट को खाली घोषित कर देती है.