नयी दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआइ) से मणिपुर में सुरक्षा बलों द्वारा कथित फर्जी मुठभेड़ों के मामलों की जांच करने को कहा है. कोर्ट ने उग्रवाद से प्रभावित मणिपुर में सेना, असम राइफल्स और मणिपुर पुलिस द्वारा की गयी कथित फर्जी हत्याओं के मामले की सीबीआइ जांच के आदेश दिये हैं. न्यायमूर्ति एम. बी. लोकुर और न्यायमूर्ति यू. यू. ललित की पीठ ने सीबीआई निदेशक से कहा है कि वह कथित हत्याओं के मामले की जांच के लिए अधिकारियों की एक टीम गठित करें.
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मणिपुर में वर्ष 2000 से 2012 के बीच सुरक्षा बलों और पुलिस द्वारा कथित रुप से की गयी 1,528 न्यायेतर हत्याओं के मामले की जांच और मुआवजा मांगने संबंधी एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायालय ने उक्त निर्देश दिये. सेना ने 20 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट से कहा था कि जम्मू-कश्मीर और मणिपुर जैसे उग्रवाद प्रभावित राज्यों में उग्रवाद-निरोधी अभियान चलाने के मामलों में उसे प्राथमिकियां के अधीन नहीं लाया जा सकता है. उसने आरोप लगाया था कि इन क्षेत्रों में होने वाले न्यायिक जांच में स्थानीय पक्षपात होता है, जिसने उसकी छवि खराब कर दी है.
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केंद्र ने न्यायालय से कहा था, ‘ ‘सभी सैन्य अभियानों में सेना पर अविश्वास नहीं किया जा सकता है. सभी न्यायिक जांच सेना के खिलाफ नहीं हो सकते हैं. मणिपुर में न्यायेतर हत्याओं के कथित मामले नरसंहार के मामले नहीं है, ये सभी सैन्य अभियान से जुडे हैं. ‘ ‘ पीठ ने सशस्त्र बलों द्वारा ऐसे कथित फर्जी मुठभेडों के मामले में कार्वाई नहीं करने को लेकर मणिपुर सरकार की भी खिंचाई की और कहा कि ‘ ‘क्या उसे कुछ करना नहीं चाहिए था. ‘ ‘