अहमदाबाद: आप नेता अरविंद केजरीवाल द्वारा खुद को वाराणसी से उम्मीदवार घोषित करने और गुजरात मामलों को लेकर भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेन्द्र मोदी पर हमला करने के एक दिन बाद राज्य सरकार ने उनके दावों को ‘‘झूठा’’ बताया और इसे ‘‘प्रचार पाने’’ का प्रयास करार दिया. पहली बार आरोपों को बिंदुवार खारिज […]
अहमदाबाद: आप नेता अरविंद केजरीवाल द्वारा खुद को वाराणसी से उम्मीदवार घोषित करने और गुजरात मामलों को लेकर भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेन्द्र मोदी पर हमला करने के एक दिन बाद राज्य सरकार ने उनके दावों को ‘‘झूठा’’ बताया और इसे ‘‘प्रचार पाने’’ का प्रयास करार दिया.
पहली बार आरोपों को बिंदुवार खारिज करते हुए गुजरात सरकार ने कहा कि केजरीवाल के दावों से देश के लोगों के बीच मोदी की लोकप्रियता पर कोई असर नहीं होगा.राज्य सरकार ने बयान जारी कर कहा, ‘‘..अपनी राजनीतिक परम्परा में वह झूठ बोल रहे हैं. उन्हें कुछ प्रचार मिल सकता है लेकिन वह सफल नहीं होंगे. लोग उन्हें जवाब देंगे.’’
वाराणसी में कल एक रैली को संबोधित करते हुए केजरीवाल ने मोदी पर हमला करते हुए उन्हें औद्योगिक घरानों का ‘‘एजेंट’’ करार दिया था और कहा कि अगर मोदी प्रधानमंत्री बनते हैं तो किसानों की जमीन छीनकर कारपोरेट घरानों को दे दी जाएगी.बयान में कहा गया है, ‘‘केजरीवाल कहते हैं कि मोदी सत्ता में आते हैं तो किसानों की जमीन जबरन छीन ली जाएगी.. देश के शीर्ष अदालत ने भी राज्य सरकार की भू नीति की प्रशंसा की है.’’ सरकार ने कहा कि गुजरात की जमीन बाजार दर पर ली गई जबकि अन्य राज्यों में ऐसा नहीं हुआ जहां ‘‘जमीन अधिग्रहण से पहले किसानों से पूछा तक नहीं जाता.’’
गुजरात सरकार के बयान के मुताबिक, ‘‘यही कारण है कि गुजरात में किसानों का आंदोलन नहीं होता. यह साबित करता है कि गुजरात में किसान समर्थक नीतियां हैं.’’किसानों की आत्महत्या के मुद्दे पर सरकार ने कहा कि केजरीवाल गलत दावे कर रहे हैं.बयान में कहा गया है, ‘‘जब वह (केजरीवाल) यहां (गुजरात) आए तो उन्होंने कहा कि पिछले दस वर्षों में राज्य में 800 किसानों ने आत्महत्या की लेकिन (वाराणसी में) उन्होंने संख्या बढाकर 5574 कर दी.’’ इसमें कहा गया है, ‘‘..लेकिन तथ्य है कि फसल खराब होने से एक किसान ने आत्महत्या की थी.. यह केजरीवाल के झूठ का नमूना है.’’
केजरीवाल के इस आरोप पर कि अगर मोदी सत्ता में आते हैं तो एफडीआई का समर्थन करेंगे, राज्य सरकार ने कहा, ‘‘रिटेल क्षेत्र में हमारी पार्टी एफडीआई का विरोध करती है और हम खुदरा क्षेत्र में कभी भी एफडीआई का समर्थन नहीं करेंगे.’’राज्य सरकार ने केजरीवाल के इस आरोप का भी खंडन किया कि राज्य में करीब 60 हजार छोटे एवं मझोले उद्योगों ने दम तोड दिया.
बयान के मुताबिक, ‘‘राज्य में 5 . 19 लाख छोटे एवं मध्यम दर्जे के उद्योग हैं. केंद्र सरकार के सर्वेक्षण के मुताबिक 2001..02 के दौरान 22 फीसदी इकाईयां बंद हो गईं जबकि 2006..07 में यह संख्या कम होकर 12 फीसदी रह गई.’’ इसमें बताया गया है, ‘‘..5 . 19 लाख इकाईयों में से जब 95 फीसदी इकाईयां चल रही हैं तो फिर केजरीवाल गलत दावे क्यों कर रहे हैं.’’ इस महीने की शुरुआत में केजरीवाल ने गुजरात का ‘‘तथ्यान्वेषी’’ दौरा किया था और राज्य में विकास के मोदी के दावे को सिरे से खारिज कर दिया था.