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चुनावी मौसम में राजनीतिक दलों में दल बदल का सिलसिला तेज

नयी दिल्ली: लोकसभा चुनाव करीब आने के साथ विभिन्न दलों में दल बदल का सिलसिला तेज हो गया है और लगभग सभी राजनीतिक दल दूसरे दलों से आने वाले नेताओं का स्वागत कर रहे, उन्हें नई पार्टी में सदस्यता के साथ उम्मीदवारी भी मिल रही है. जाने माने चिंतक के एन गोविंदाचार्य ने कहा, ‘‘राजनीतिक […]

नयी दिल्ली: लोकसभा चुनाव करीब आने के साथ विभिन्न दलों में दल बदल का सिलसिला तेज हो गया है और लगभग सभी राजनीतिक दल दूसरे दलों से आने वाले नेताओं का स्वागत कर रहे, उन्हें नई पार्टी में सदस्यता के साथ उम्मीदवारी भी मिल रही है. जाने माने चिंतक के एन गोविंदाचार्य ने कहा, ‘‘राजनीतिक दल आज सत्ता पाने का गिरोह बन कर रह गए हैं. काफी संख्या में ऐसे लोगों के लिए राजनीतिक दल सत्ता हासिल करने का जरिया बन कर रह गए हैं। दल बदल इसी कुत्सित संस्कृति का रुप है.’’

लोकसभा चुनाव में उत्तरप्रदेश की 80 सीटें केंद्र में सत्ता के लिहाज से काफी महत्वपूर्ण मानी जा रही हैं. चुनावी राजनीति और सत्ता के लिहाज से इस महत्वपूर्ण राज्य में नेताओं का एक दल से दूसरे दल में जाने का सिलसिला जारी है. भाजपा में विभिन्न दलों से जहां 19 नेता शामिल हुए हैं, वहीं, मुलायम सिंह की सपा ने अपने दल में 15 बाहरी नेताओं को स्थान दिया है. कांग्रेस और मायावती की बसपा में दूसरे दल के 7.7 नेता शामिल हुए हैं. रालोद ने दूसरे दल से आए 3 नेताओं को स्थान दिया है. उत्तरप्रदेश में भाजपा में दूसरे दल से आने वाले प्रमुख नेताओं में ब्रजभूषण शरण सिंह और जगदम्बिका पाल शामिल हैं और पार्टी ने इन्हें टिकट भी दिया है. रालोद में अमर सिंह और जयाप्रदा शामिल हुए हैं.

बिहार में भी हर राजनीतिक दल ने बाहरी उम्मीदवारों को तवज्जो दी है, सत्तारुढ जदयू ने 13 सीटों पर बाहरी उम्मीदवार उतारे हैं, वहीं भाजपा ने 10 सीटों पर, राजद ने चार, कांग्रेस ने दो और लोजपा ने एक सीट पर बाहरी उम्मीदवार उतारा है. भाजपा उपाध्यक्ष सी पी ठाकुर और जदयू सांसद अली अनवर अंसारी का हालांकि कहना है कि चुनाव में जीतने की संभावना को ध्यान में रखते हुए राजनीतिक दल कुछ लोगों :नेताओं: को शामिल करते हैं. बिहार में सत्तारुढ जदयू राज्य की 40 में से 38 सीटों पर चुनाव लड रही है और उसने 13 सीटों पर बाहरी उम्मीदवार उतारे हैं.

भाजपा बिहार की 30 सीटों पर चुनाव लड रही है और उसने 10 सीटों पर बाहरी उम्मीदवार उतारे हैं. राजद ने 27 सीटों में से चार पर बाहरी उम्मीदवार उतारे हैं जबकि 12 सीटों पर चुनाव लडने वाली कांग्रेस ने दो बाहरी उम्मीदवार खडे किए हैं. सात सीटों पर चुनाव लडने वाली लोजपा ने एक सीट पर बाहरी उम्मीदवार खडा किया है.उत्तरखंड से कांग्रेस सांसद सतपाल महाराज हाल ही में पार्टी छोडकर भाजपा में शामिल हुए हैं. महाराष्ट्र में शिवसेना को उस समय गहरा धक्का लगा जब कुछ दिन पहले शिरडी सीट का प्रतिनिधित्व करने वाले वर्तमान सांसद भाउसाहब वाकचौरे ने कांग्रेस में शामिल होने का निर्णय किया. इससे पहले शिवसेना के प्रवक्ता राहुल नार्वेकर राकांपा में शामिल हो गए थे. जबकि राकांपा के रमेश कदम शेतकारी कामगार पार्टी और राकांपा के संजय काका पाटिल भाजपा में शामिल हो गए थे.

हरियाणा की 10 सीटों के लिए होने वाले चुनावी समर में भाजपा में दूसरे दल से 3 नेता शामिल हुए हैं जबकि हरियाणा जनहित कांग्रेस में एक नेता बाहर से शामिल हुए हैं. भाजपा में शामिल होने वाले नेताओं में राव इंद्रजीत सिंह प्रमुख है जिन्हें गुडगांव से टिकट दिया गया है. राजस्थान की 25 सीटों के लिए होने वाले चुनाव में भाजपा में दूसरे दलों से तीन नेता शामिल हुए हैं जबकि कांग्रेस में एक नेता बाहर से आए हैं. बाडमेर सीट बाहर से आए उम्मीदवार को लेकर विवादों में आ गई है जहां से वरिष्ठ नेता जसवंत सिंह की दावेदारी को दरकिनार करते हुए हाल में कांग्रेस से भाजपा में शामिल हुए कर्नल सोनाराम को टिकट दिया गया.

बिहार में भाजपा ने जिन 10 बाहरी उम्मीदवारों को चुनावी समर में उतारा है, उनमें पांच जदयू से आने वाले , दो निर्दलीय :सिवान से ओम प्रकाश यादव और बांका से पुतुल कुमारी तथा एक एक राजद एवं बसपा से आने वाले नेता हैं. इसके अलावा उसने एक सीट से पूर्व गृह सचिव को टिकट दिया है.जदयू ने जिन 13 बाहरी उम्मदवारों को खडा किया है उनमें पांच राजद, चार भाजपा, एक समाजवादी जनता दल (लोकतांत्रिक), एक फिल्म निर्माता (प्रकाश झा), एक पूर्व नौकरशाह (के पी रमैय्या), एक बिल्डर शामिल हैं. बिहार में एक दल छोडकर दूसरे दल में आने वालों में राजद के रामकृपाल यादव और जदयू के सुशील सिंह प्रमुख हैं. रामकृपाल यादव को भाजपा ने पाटलीपुत्र से लालू प्रसाद की पुत्री मीसा भारती के खिलाफ खडा किया है. जदयू से निष्काषन के बाद भाजपा में आने वाले सुशील सिंह को भाजपा ने औरंगाबाद से टिकट दिया है. जदयू से निष्काषित एवं मुजफ्फरपुर के वर्तमान सांसद कैप्टन जय नारायण निषाद के पुत्र अजय निषाद को भाजपा ने इसी सीट से टिकट दिया है.

चुनाव से पहले दल बदल के लिहाज से आंध्रप्रदेश काफी महत्वपूर्ण है. पिछले महीने तक आंध्रप्रदेश में शासन करने वाली कांग्रेस के सीमांध्र में कई सांसदों, पूर्व मंत्री एवं अन्य नेताओं का पार्टी छोडना परेशानी का सबब बन गया है. कांग्रेस के कई नेता तेदेपा में शामिल हुए. केंद्रीय मंत्री रहीं डी पुरंदेश्वरी कांग्रेस छोडकर भाजपा में शामिल हो गई है. कांग्रेस सांसद वेंकटरामी रेड्डी पाला बदलकर वाईएसआर कांग्रेस में शामिल हो गए. कांग्रेस के कई विधायक तेदेपा में शामिल हो गए. झारखंड से झामुमो के दो विधायक हेमलाल मुमरू और विद्युत बरन महतो भाजपा में शामिल हो गए हैं और इन्हें पार्टी का टिकट भी मिल गया है.

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