बेंगलूर : कर्नाटक में इस बार लोकसभा चुनावों में दिलचस्प मुकाबला देखने को मिल सकता है क्योंकि पांच पूर्व मुख्यमंत्री चुनावी मैदान में उतर चुके हैं और एक अन्य पूर्व मुख्यमंत्री के इस दौड में शामिल होने की संभावना है.केंद्रीय मंत्री एम वीरप्पा मोइली और एन धरम सिंह (कांग्रेस), बी एस येदियुरप्पा और डी वी सदानंद गौडा (भाजपा) तथा पूर्व प्रधानमंत्री एवं जदसे सुप्रीमो एच डी देवगौडा अपने अपने निर्वाचन क्षेत्रों में मुख्य दावेदार हैं. देवगौडा के पुत्र एवं लोकसभा के पूर्व सदस्य एच डी कुमारस्वामी ने भी संकेत दिए हैं कि पार्टी कार्यकर्ताओं से चर्चा के बाद वह भी इस बार लोकसभा चुनाव में अपनी दावेदारी पेश कर सकते हैं.
हालांकि धरम सिंह, येदियुरप्पा और देवगौडा के लिए अपनी अपनी निर्वाचन सीटों पर जीत दर्ज करना ज्यादा मुश्किल प्रतीत नहीं होता लेकिन मोइली और सदानंद गौडा को क्रमश: चिक्कबल्लारपुर और बेंगलूर उत्तर निर्वाचन क्षेत्रों में कडे मुकाबले का सामना करना पड सकता है. सदानंद गौडा को बेंगलूर उत्तर से टिकट दिया गया है. हालांकि इस सीट के उम्मीवार के लिए पूर्व मंत्री आर अशोक भी एक अन्य मजबूत दावेदार थे लेकिन उन्होंने राज्य की राजनीति में ही बने रहने के लिए इस दौड से अपना नाम वापस ले लिया.कुमारस्वामी भी चिक्कबल्लारपुर से मोइली के खिलाफ खडे हो सकते हैं. जदसे में शुरआत में यह चर्चा थी कि उनकी पत्नी अनीता कुमारस्वामी को चुनावी मैदान में उतारा जा सकता है. भाजपा ने इस सीट पर राज्य के वरिष्ठ नेता बी एच बच्चे गौडा को उम्मीदवार बनाया है. मोइली 1992 से 1994 तक कर्नाटक के मुख्यमंत्री रहे थे.
सदानंद गौडा को भी बेंगलूर उत्तर में कडी चुनौती का सामना करना पड सकता है. कई स्थानीय नेता उनकी उम्मीदवारी के खिलाफ हैं क्योंकि वह राज्य के तटीय क्षेत्र से संबंधित हैं. येदियुरप्पा अपने गृह जिले शिमोगा से चुनावी मैदान में उतरे हैं और उनके सामने जदसे की गीता शिवराज कुमार की चुनौती होगी. यह संसद में प्रवेश पाने की येदियुरप्पा की दूसरी कोशिश होगी. वह अपनी पहली कोशिश में नाकाम रहे थे. पांच बार सांसद रह चुके देवगौडा अपने गढ हसन से चुनाव लडेंगे. धरम सिंह की स्थिति भी चुनावों में मजबूत दिखाई दे रही है.