जयपुरः रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने मंगलवार को टैंक भेदी मिसाइल नाग का राजस्थान के पश्चिमी क्षेत्र के रेगिस्तान में सफल परीक्षण किया. रक्षा सूत्रों ने बताया कि मिसाइल ने मंगलवार के मिशन में लक्ष्य को सफलतापूर्वक नष्ट कर दिया. इस अत्याधुनिक मिसाइल के परीक्षण के मौके पर डीआरडीओ, रक्षा प्रयोगशाला (जोधपुर) के वैज्ञानिक, शस्त्र बलों के वरिष्ठ अधिकारी तथा अन्य लोग उपस्थित थे. रक्षा मंत्री के वैज्ञानिक सलाहकार जी सतीश रेड्डी ने कहा कि इस सफल परीक्षण से देश की रक्षा क्षमताओं को मजबूती मिली है. डीआरडीओ के प्रमुख डॉक्टर क्रिस्टोफर ने मिशन का हिस्सा रही टीम को बधाई दी.
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तीसरी पीढ़ी की एंटी टैंक मिसाइल ‘नाग’ का परीक्षण जैसलमेर की पोखरण क्षेत्र में किया गया है. बताया यह जा रहा है कि डीआरडीओ निर्मित मिसाइल का परीक्षण चार दिन तक चलेगा. पाकिस्तान सीमा के पास पोखरण फायरिंग रेंज में इस मिसाइल का परीक्षण महत्वपूर्ण माना जा रहा है. इसी फायरिंग क्षेत्र में अमेरिका से खरीदी गयी यूएवी होवित्जर तोपों का परीक्षण भी इन दिनों चल रहा है. मिसाइल नाग के परीक्षण के दौरान डीआरडीओ और सेना के अधिकारी मौजूद हैं.
पिछले वर्ष बीकानेर फायरिंग क्षेत्र में इसी मिसाइल का परीक्षण किया गया था, लेकिन उस दौरान उच्च तापमान में मिसाइल के परीक्षण में कुछ तकनीकी खामियां सामने आयी थीं. पिछले वर्ष मिसाइल की मारक क्षमता चार किलो मीटर रखी गयी थी, लेकिन इस बार तीन किलो मीटर रखी गयी है. पिछले वर्ष इस मिसाइल को गाइड करने के लिए इसमें लगा इमेजिंग इंफ्रा रेड सिकर अधिक गर्मी के दौरान सही काम नहीं कर सका था. इसलिए एक बार फिर मिसाइल का परीक्षण किया जा रहा है.
सैन्य सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, इस मिसाइल प्रोजेक्ट की लगात 350 करोड़ रुपये से अधिक है. अब परीक्षण में मिसाइल में उच्च क्षमता के उपकरण लगाये गये हैं. यह अधिक गर्मी में भी मिसाइल को दिशा नहीं भटकने देंगे.