मण्डला (मप्र): कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने आज यहां पहुंचकर तेंदूपत्ता संग्राहक आदिवासी महिला श्रमिकों से घने जंगल में काफी देर तक बातचीत की तथा उनकी समस्याओं और सुझावों को सुना.यहां से लगभग ग्यारह किलोमीटर दूर मण्डला-डिण्डोरी मार्ग पर राहुल आज पटपटपरा रैयत गांव पहुंचे और सबसे पहले उन्होंने जंगल में लगभग आधा घंटे तक तेंदू के पेडों और तेंदूपत्ता संग्रहण की जानकारी ली। इसके बाद वह तेंदूपत्ता संग्राहक आदिवासी महिला श्रमिकों के बीच गए.
इन महिला श्रमिकों की यह चौपाल एक महुए पेड के नीचे आयोजित की गई थी, जहां प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सांसद अरुण यादव एवं राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता सत्यदेव कटारे भी उनके साथ मौजूद थे.उन्होंने महिला श्रमिकों से बेबाक होकर अपनी बात रखने का आग्रह करते हुए कहा कि आजकल होता क्या है कि नेता आते हैं, अपनी बात रखते हैं और घर चले जाते हैं. लेकिन वह यहां भाषण देने नहीं बल्कि उनकी बात सुनने आए हैं.
अनुसूईया चौधरी नामक एक तेंदूपत्ता संग्राहक ने कहा कि उनका काम बहुत कठिन है, क्योंकि उन्हें अपने काम के लिए सुबह तडके दो-तीन बजे जागकर जंगल में जाना होता है तथा उचित तेंदूपत्ता का चयन कर उनका संग्रहण कर गड्डियां बनाकर फडों में देर शाम तक जमा करना पडता है. इस सबमें वह अपने बच्चों और परिवार का ध्यान नहीं रख पाती हैं.एक अन्य आदिवासी महिला श्रमिक ने कहा कि उनके गांव में पानी की विकट समस्या है और काफी दूर चलकर नदी से पानी लाना होता है. उसने गांव में सडक की भी समस्या बताई और कहा कि वाहन कितना भी अच्छा हो, लेकिन उसमें बैठकर ऐसा अहसास होता है, जैसे ट्रैक्टर पर बैठे हों.