सिंगापुर : भले ही उम्र 82 साल हो गई हो, लेकिन सुरों की मलिका आशा भोंसले का कहना है कि काम को अलविदा कहने की उनकी कोई योजना नहीं है और अभी भी वह ‘किसी शार्क की मानिंद’ पूरे दमखम के साथ से तैर रही हैं. गायिका अभी सिंगापुर में हैं जहां शनिवार को स्टार थिएटर में वह प्रस्तुति देंगी.
आशा ने कहा, ‘मैं एक शार्क की तरह हूं. मैं कभी रुक नहीं सकती. कुछ लोग मुझे निरंतर काम करते रहने वाली कहते हैं.’ स्ट्रेट्स टाइम्स को ईमेल के जरिए दिए गए अपने साक्षात्कार में उन्होंने कहा, ‘मुझे व्यस्त रहना पसंद है और सौभाग्य से ऐसे श्रोताओं की संख्या बहुत है जिन्हें मुझे गाते हुए सुनना पसंद है. यह उनका प्यार और लगाव है जो मुझे गतिमान बनाए रखता है.’
‘इन आंखों की मस्ती के’ गीत को अपनी आवाज से मशहूर बनाने वाली गायिका ने 20 भाषाओं में, शास्त्रीय से लेकर लोकगीत और गजल से लेकर पॉप तक 12,000 से अधिक गाने गाए हैं. आशा ने कहा कि सिंगापुर उनके दिल के बेहद करीब है और यहां यह उनकी ‘आखिरी प्रस्तुति’ भी हो सकती है.
उन्होंने आगे बताया कि,’ मेरे दिल में सिंगापुर की हमेशा से खास जगह रही है. मैंने पहले भी यहां बेहद सफल कार्यक्रम पेश किए हैं और आगामी शो के लिए भी मैं उत्सुक हूं जो शायद मेरा यहां आखिरी शो हो सकता है.’आशा के साथ अभिनेता, निर्देशक और गायक सचिन भी होंगे जो न केवल आशा के गीतों को गाएंगे बल्कि हिंदी फिल्मों के अन्य लोकप्रिय गीत भी गाएंगे. छह दशक से अधिक के करियर में आशा ने 10,000 से अधिक फिल्मों के लिए गीतों को स्वर दिया है.
आशा ने कहा, ‘सबसे बडा सबक यह है कि अगर मैं अच्छा नहीं गाउंगी तो कोई मुझे नहीं पूछेगा. संगीत उद्योग ऐसी जगह नहीं है जहां भूल को नजरअंदाज किया जाए और अगर आप स्तरीय प्रस्तुति नहीं दे सकते तो बेहद खामोशी से आपके लिए दरवाजे बंद हो जाएंगे.’
उन्होंने कहा ‘दूसरी चीज जिसने मुझे बहुत कुछ सिखाया, वह है संगीत के क्षेत्र में बदलते चलन, फैशन के बदलाव को स्वीकार करना. मैं बदलती शैली के साथ साथ चलती रही और मैंने कई नई पीढी के साथ उनकी ही शैली में, उनके ही अंदाज में काम किया.’ सोशल नेटवर्किंग साइट ट्विटर पर आशा के 18.9 लाख फॉलोअर हैं.
उन्होंने कहा,’‘सोशल मीडिया यहीं रहेगा और यह ज्यादा बडा रुप लेने जा रहा है. उन लोगों से संवाद का यह बेहतरीन माध्यम है जिन तक पहुंच नहीं हो पाती.’