MS Dhoni Territorial Army in Hindi: टीम इंडिया को 2011 में वर्ल्ड कप दिलाने वाले महेंद्र सिंह धोनी सिर्फ क्रिकेट के मैदान पर ही नहीं, देशसेवा के मोर्चे पर भी पूरी मजबूती से खड़े हैं. धोनी टेरिटोरियल आर्मी में लेफ्टिनेंट कर्नल की मानद रैंक पर तैनात हैं और उन्होंने सेना की पूरी ट्रेनिंग भी ली है. हाल ही में पाकिस्तान के साथ बढ़े तनाव के बीच जब टेरिटोरियल आर्मी को सक्रिय करने की बात सामने आई, तो धोनी का नाम एक बार फिर चर्चा में आ गया.
MS Dhoni Lieutenant Colonel: वर्ल्ड कप जिताने के बाद मिला सेना का सम्मान
क्रिकेट में देश का नाम रोशन करने के बाद साल 2011 में धोनी को टेरिटोरियल आर्मी की पैराशूट रेजिमेंट में लेफ्टिनेंट कर्नल की मानद रैंक से सम्मानित किया गया था. इसके बाद 2015 में उन्होंने सेना की बेसिक ट्रेनिंग पूरी की और पैरा फोर्सेस के साथ पैराशूट से कूदने की विशेष ट्रेनिंग भी ली. उन्होंने सेना की सभी प्रक्रिया को गंभीरता से निभाया और पैरारेजिमेंट का हिस्सा भी बने.
MS Dhoni Territorial Army: टेरिटोरियल आर्मी क्या है?
टेरिटोरियल आर्मी (Territorial Army) भारतीय सेना की एक रिजर्व फोर्स है, जिसे शांति काल में नियमित नागरिक अपनी नौकरी या व्यवसाय के साथ जोड़कर जॉइन करते हैं. युद्ध, आपातकाल या प्राकृतिक आपदा जैसी स्थिति आने पर इन्हें सक्रिय किया जाता है ताकि वे रेगुलर आर्मी की सहायता कर सकें. यह पूरी तरह स्वैच्छिक सेवा है, जिसमें डॉक्टर, इंजीनियर, वकील, खिलाड़ी और आम नागरिक शामिल हो सकते हैं.
कितनी होती है सैलरी?
टेरिटोरियल आर्मी के जवानों और अधिकारियों को सेवा के दौरान रेगुलर आर्मी के समान सैलरी, भत्ते और सुविधाएं मिलती हैं. जैसे अगर कोई अधिकारी एक महीने की ट्रेनिंग करता है, तो उसे उस अवधि के लिए उसी रैंक के रेगुलर आर्मी ऑफिसर के बराबर वेतन मिलता है. लेफ्टिनेंट कर्नल रैंक पर सैलरी करीब 1,30,000 से 1,50,000 प्रति माह (प्रति सेवा माह) हो सकती है. हालांकि यह सेवा अस्थायी होती है और सैलरी केवल एक्टिव ड्यूटी के समय ही मिलती है. इस पद के लिए धोनी को कितना सैलरी मिल रहा है, इसकी कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है.
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आईपीएल में भी निभा रहे जिम्मेदारी
धोनी ने भले ही अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास ले लिया हो, लेकिन वे आईपीएल 2025 में चेन्नई सुपर किंग्स की कप्तानी कर रहे हैं. हाल ही में जब सीमा पर हालात बिगड़े तो आईपीएल को एक हफ्ते के लिए टाल दिया गया था. लेकिन कल यानी 10 मार्च की देर शाम दोनों देशों के बीच संघर्ष विराम हो गया और बीसीसीआई से मिली जानकारी के मुताबिक 15-16 मई से इसकी दोबारा शुरुआत होगी, लेकिन ऐसे समय में लोग इस बात पर नजर रख रहे थे कि क्या धोनी दोबारा वर्दी पहनकर देश की सेवा करने के लिए तैयार होंगे.
धोनी का सेना से जुड़ना केवल एक सम्मान की बात नहीं, बल्कि देश के युवाओं को यह संदेश देता है कि हर क्षेत्र में रहते हुए देशसेवा की जा सकती है.