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सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा, मध्य प्रदेश की आर्थिक स्थिति मजबूत, लोगों की बढ़ रही आय

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि मध्य प्रदेश आर्थिक और वित्तीय दृष्टिकोण से हर क्षेत्र में प्रगति कर रहा है. यही वजह है कि प्रदेश के राजस्व संग्रह में बढ़ोतरी दर्ज की गई. इसके साथ ही, पूंजीगत व्यय में भी वृद्धि हुई है. उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश की औद्योगिक विकास दर में भी बढ़ोतरी हुई है.

भोपाल : मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंगलवार को आर्थिक सर्वेक्षण पर समाचार चैनलों पर चर्चा के दौरान कहा कि मध्य प्रदेश की आर्थिक स्थिति लगातार मजबूत हो रही है. उन्होंने कहा कि उनका राज्य वित्तीय अनुशासन, सर्व समावेशी विकास और टैक्स कलेक्शन में बेहतर प्रदर्शन कर रहा है. उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश का वित्तीय प्रबंधन भी अच्छा है और प्रति व्यक्ति आय में भी बढ़ोतरी दर्ज की गई है.

जीएसडीपी में 18 गुना अधिक वृद्धि

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आगे कहा कि मध्य प्रदेश आर्थिक और वित्तीय दृष्टिकोण से हर क्षेत्र में प्रगति कर रहा है. यही वजह है कि प्रदेश के राजस्व संग्रह में बढ़ोतरी दर्ज की गई. इसके साथ ही, पूंजीगत व्यय में भी वृद्धि हुई है. उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश की औद्योगिक विकास दर में भी बढ़ोतरी हुई है. आर्थिक वृद्धि दर अग्रिम अनुमान के अनुसार, वर्ष 2022-23 में 16.43 फीसदी है. इससे पहले वित्त वर्ष 2021-22 में कोरोना महामारी के बावजूद यह वृद्धि दर 18.02 फीसदी रही है, जबकि वित्त वर्ष 2001-02 के दौरान यह केवल 4.43 फीसदी थी. राज्य का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) 13 लाख 22 हजार 821 करोड़ रुपये होने का अनुमान है, जबकि यह वित्त वर्ष 2001-02 में 71 हजार 594 करोड़ रुपये था. उन्होंने कहा कि सकल घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) में 2001 के मुकाबले 2023 में 18 गुना से अधिक है.

प्रति व्यक्ति आय में बढ़ोतरी दर्ज

इसके साथ ही, उन्होंने यह भी कहा कि वर्ष 2022-23 में मध्य प्रदेश में प्रति व्यक्ति आय 1,40, 583 रुपये तक पहुंचने का अनुमान है. हालांकि, वित्त वर्ष 2011-12 में यह 38,497 रुपये थी. इससे पहले वित्त वर्ष 2001-02 में प्रति व्यक्ति आय केवल 11,718 रुपये ही थी. उन्होंने कहा कि कर्ज और जीएसडीपी के क्षेत्र में भी उनके राज्य का प्रदर्शन अच्छा रहा है. ताजा आर्थिक सर्वेक्षण इस बात का इशारा करता है कि वर्ष 2005 में जो कर्ज जीएसडीपी अनुपात 39.5 फीसदी था, वह वर्ष 2020-21 में 22.6 फीसदी पर पहुंच गया.

पूंजीगत व्यय में बढ़ोतरी

उन्होंने कहा कि इतना ही नहीं, राज्य का पूंजीगत व्यय भी 37,0089 करोड़ से बढ़कर 45,685 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है. पूंजीगत व्यय की यह बढ़ोतरी करीब 23.18 फीसदी है और मध्य प्रदेश के इतिहास में यह सबसे अधिक पूंजीगत व्यय है. कोरोना के दौरान भी मध्य प्रदेश के राजस्व को बढ़ाने की कोशिश की गई और आत्म-निर्भर मध्य प्रदेश के निर्माण के विजन के साथ काम को अंजाम दिया गया. उन्होंने कहा कि पिछले तीन साल में इसने प्रतिवर्ष 7.94 फीसदी के चक्रवृद्धि वार्षिक विकास दर (सीएजीआर) से बढ़ोतरी की है. राजकोषीय समेकन के क्षेत्र में मध्य प्रदेश में लगातार राजस्व बढ़ाने का काम किया गया है.

कृषि विकास दर में वृद्धि

शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि किसानों के कर्ज में 13.41 फीसदी और एमएसएमई क्षेत्र में 30.22 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई है. वर्ष 2001-02 में कृषि विकास दर सिर्फ तीन फीसदी थी, जो अब बढ़कर 19 फीसदी हो गई है. उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश ने वर्ष 2013-14 में 174.8 लाख टन की तुलना में वर्ष 2022-23 के अग्रिम अनुमान में 352.7 लाख टन गेहूं का उत्पादन और उसके निर्यात में 46 फीसदी भागीदारी सुनिश्चित की है. इसके साथ ही, धान की पैदावार भी करीब 53.2 लाख से बढ़कर 131.8 लाख टन हो गई है.

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उद्योग और सिंचाई क्षेत्र में भी बेहतर प्रदर्शन

उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश की औद्योगिक विकास दर वर्ष 2001-02 में केवल 0.61 फीसदी थी, जो अब बढ़कर 24 फीसदी हो गई है. इसके साथ ही, मध्य प्रदेश में स्ट्रीट वेंडर्स के कल्याण का काम भी बेहतर तरीके से किया गया है. उन्होंने कहा कि करीब सवा 5 लाख शहरी इलाकों के लघु व्यवसायियों (स्ट्रीट वेंडर्स) को 521 करोड़ से ज्यादा का कर्ज दिया गया है. सिंचाई क्षमता 585 फीसदी बढ़ी है.

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