नयी दिल्ली: वित्त वर्ष 2012-13 में 13 सहकारी बैंक दिवालिया हो गए जिसके कारण रिण बीमा कंपनी डीआईसीजीसी को जमाकर्ताओं को 160 करोड़ रुपये का भुगतान करना पड़ा.
अपने ग्राहकों को जमा वापस करने में असमर्थ 13 सहकारी बैंकों में नौ महाराष्ट्र के, दो गुजरात के और आंध्र प्रदेश और ओड़िशा का एक-एक बैंक शामिल है.भारतीय रिजर्व बैंक की पूर्ण स्वामित्व वाली अनुषंगी डिपाजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कारपोरेशन (डीआईसीजीसी) के मानदंड के मुताबिक बैंक के दिवालिया होने की स्थिति में जमाकर्ता को अधिकतम एक लाख रुपये का भुगतान किया जाता है.
रिजर्व बैंक की बीमा शाखा ने 13 सहकारी बैंकों के जमाकर्ताओं को 159.85 करोड़ रुपये का भुगतान किया जो अप्रैल 2012 से मार्च 2013 के बीच दिवालिया हुए. डीआईसीजीसी ने महाराष्ट्र के भंडारी कोऑपरेटिव बैंक लिमिटेड को सबसे अधिक 54.88 करोड़ रुपये का भुगतान किया. इसके बाद शोलापुर नागरी औद्योगिक सहकारी बैंक के जमाकर्ताओं को 45.76 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया.वित्त वर्ष 2011-12 के दौरान 18 सहकारी बैंक बंद हुए थे और डीआईसीजीसी ने इन बैंकों के जमाकर्ताओं को 277.31 करोड़ रुपये का भुगतान किया था.
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