नयी दिल्ली : सरकार 500 और 2000 रुपये के बैंक नोटों के सुरक्षा फीचर में हर तीन से चार साल में बदलाव करेगी, ताकि जाली नोटों की समस्या पर लगाम लगायी जा सके. सरकार ने नोटबंदी के बाद पिछले चार महीने में देश में भारी मात्रा में जाली मुद्रा पकड़ने जाने के मद्देनजर यह फैसला लिया है.
इस मुद्दे पर केंद्रीय गृह सचिव राजीव महर्षि सहित वित्त व गृह मंत्रालय के शीर्ष अफसरों ने चर्चा भी की है. इस कदम का समर्थन करते हुए गृह मंत्रालय के अफसरों ने कहा कि ज्यादातर विकसित देश अपने मुद्रा नोटों में सुरक्षा फीचर हर तीन से चार साल में बदल देते हैं. ऐसे में भारत के लिए इस नीति का पालन करना अनिवार्य है. चिंता की बात है कि नये मुद्रा नोटों में भी अतिरिक्त सुरक्षा फीचर नहीं हैं.
17 में से 11 फीचर की नकल : हाल ही में जब्त हुए 2000 के नकली नोटों की जांच में पाया गया है कि इसके 17 सुरक्षा फीचर में से 11 की नकल हुई है. जो फीचर्स कॉपी किये गये हैं उनमें ट्रांसपेरेंट एरिया, अशोक स्तंभ, फॉन्ट, वॉटर मार्क और आरबीआइ गवर्नर के दस्तखत के साथ लिखा गया गारंटी क्लॉज भी है. 2000 के नकली नोट में चंद्रयान, स्वच्छ भारत का लोगो और प्रिंटिंग इयर को भी बिल्कुल असली जैसा ही छापा गया है. सूत्रों के अनुसार नकली नोट बांग्लादेश के जरिये पाकिस्तान भारत में भेज रहा है.
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