नयी दिल्ली : देश में बीते दो महीने के दौरान हुई रेल दुर्घटनाओं में सैंकड़ों लोगों की जान गंवाने के बाद रेलवे की सुरक्षा पर उठ रहे सवालों के बीच खबर यह भी आ रही है कि इस साल के बजट में रेलवे सुरक्षा कोष के गठन का प्रस्ताव भी लाया जा सकता है. दुखद यह भी है कि बीते दो महीनों के दौरान हुई रेल दुर्घटनाओं में करीब 190 लोगों की जानें चली गयी हैं, जबकि वर्ष 2015-16 के दौरान पूरे 12 महीनों के दौरान 309 लोग भयंकर रेल दुर्घटनाओं में हताहत हुए थे.
अंग्रेजी के अखबार इकोनॉमिक टाइम्स में प्रकाशित समाचार के अनुसार, इस साल के बजट में रेलवे सुरक्षा कोष के गठन के लिए करीब 1 लाख करोड़ रुपये का प्रस्ताव किया गया है, जिसकी घोषणा पिछले साल के बजट में भी की गयी थी. हालांकि, रेलवे सुरक्षा कोष के गठन की योजना लाने का खाका केंद्र सरकार ने पांच साल पहले ही खींच लिया था. हालांकि, सरकार ने अभी तक रेलवे सुरक्षा पर होने वाले खर्च को लेकर अभी तक कोई खुलासा नहीं किया है, लेकिन रेलवे के अधिकारी इस बात को स्वीकार करते हैं कि इस साल के बजट में रेलवे सुरक्षा कोष के तहत काम कराने के लिए सरकार की ओर से करीब 20,000 करोड़ रुपये आवंटित किये जा सकते हैं. हालांकि, सरकार यह भी सोचती है कि केंद्रीय राजमार्ग कोष और राज्य सरकारों की ओर से रेलवे ओवरब्रिज बनाने के लिए 1 लाख करोड़ रुपये की राशि कम पड़ेगी.
गौरतलब है कि पिछले पांच सालों के दौरान रेलवे ने करीब 8.56 लाख करोड़ रुपये का निवेश किया है, जिसमें करीब 1.27 लाख करोड़ रुपये रेलवे की सुरक्षा पर खर्च किये गये हैं, जो योजना में किये गये प्रस्ताव से करीब 15 फीसदी कम हैं. रेलवे की सुरक्षा को लेकर आरोप यह लगाया जाता रहा है कि अंग्रेजों के जमाने में बने रेलवे ट्रैक से लेकर अन्य चीजों को बदलने और उनका पुनरुद्धार करने की गति काफी मद्धम है. आरोप यह भी लगाया जा रहा है कि देश में अनेक ऐसे खतरनाक रेलवे ओवर ब्रिज से काम चलाया जा रहा है, जो करीब 100 साल पहले बनाये गये थे.
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