24.2 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

CBDT ने टैक्‍स निपटान योजना की सयमसीमा 31 जनवरी तक बढ़ायी

नयी दिल्ली : वोडाफोन और केयर्न एनर्जी जैसी कंपनियों को पुराने कर विवाद निपटाने के लिये एक महीने का और समय देते हुये सरकार ने अपनी कर विवाद समाधान योजना की समयसीमा 31 जनवरी 2017 तक बढ़ा दी है. वित्त मंत्री अरुण जेटली ने वर्ष 2016-17 के बजट में इस योजना की घोषणा की थी. […]

नयी दिल्ली : वोडाफोन और केयर्न एनर्जी जैसी कंपनियों को पुराने कर विवाद निपटाने के लिये एक महीने का और समय देते हुये सरकार ने अपनी कर विवाद समाधान योजना की समयसीमा 31 जनवरी 2017 तक बढ़ा दी है. वित्त मंत्री अरुण जेटली ने वर्ष 2016-17 के बजट में इस योजना की घोषणा की थी. ‘प्रत्यक्ष कर विवाद समाधान योजना’ नामक इस योजना का मकसद न केवल पिछली तिथि वाले कर विवादों का समाधान करना है बल्कि प्रत्यक्ष करों से जुड़े 2.6 लाख मामलों का भी समाधान करना है जिनमें करीब 5.16 लाख करोड़ रुपये का कर फंसा है. पुराने कर विवाद निपटाने की इच्छुक कंपनियों को योजना का लाभ उठाने के लिये 31 दिसंबर तक का समय दिया गया था, लेकिन अब इस समय सीमा को बढ़ाकर 31 जनवरी 2017 कर दिया गया है. केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने यह जानकारी दी है.

सरकार ने 26 मई 2016 को योजना को अधिसूचित किया जिसमें कहा गया था कि योजना एक जून से खुलकर 31 दिसंबर को बंद हो जायेगी. सीबीडीटी ने नयी अधिसूचना में कहा है, ‘संबंधित अधिसूचना में 31 दिसंबर 2016 के स्थान पर 31 जनवरी 2017 पढा जाये.’ इस योजना में कर विवाद के समाधान के लिये आगे आने वाली कंपनियों को बकाये कर की मूल राशि का भुगतान करने पर जुर्माने और ब्याज से छूट होगी. इसमें कहा गया है कि पिछली तिथि वाले कर मामलों को छोडकर अन्य मामले जो 29 फरवरी 2016 को आयकर आयुक्त (अपील) के समक्ष लंबित हैं, उनमें विवाद वाली कर राशि और आकलन की तिथि तक बने ब्याज का भुगतान करके मामला निपटाया जा सकता है.

योजना के अनुसार 10 लाख रुपये तक के कर विवाद मामले में जुर्माना नहीं लिया जायेगा लेकिन ऐसे मामले जहां विवादित कर राशि 10 लाख रुपये से अधिक है उनमें 25 प्रतिशत जुर्माना लगाया जायेगा. जहां जुर्माने से जुड़ी अपील हैं उनमें करदाता को जुर्माना राशि का 25 प्रतिशत भुगतान ही करना होगा. सरकार को उम्मीद है कि इस योजना के जरिये वह पिछली तिथि से कर लगाने से जुड़े वोडाफोन और केयर्न एनर्जी के बड़े मामलों को सुलझा लेगी. उसे अन्य तरह के कर विवादों में से भी एक तिहाई मामलों के समाधान की उम्मीद है. बहरहाल, योजना के तहत पिछली तिथि से जुड़े कर विवाद वाली कोई भी कंपनी आगे नहीं आयी है. पिछली तिथि से कर लगाने के मामले में योजना में ब्याज और जुर्माना से छूट देने को कहा गया है.

हालांकि, इसके साथ ही यह भी शर्त रखी गयी है कि विभिन्न न्याययिक मंचों पर दायर मामलों को कंपनी को वापस लेना होगा. सीबीडीटी ने गत सप्ताह ही योजना के बारे में शंकाओं का समाधान करते हुये सवाल-जवाब का दूसरा सेट जारी किया. इसमें कहा गया है कि कर का भुगतान किस्तों में नहीं किया जा सकता. इसमें यह भी कहा गया है कि वोडाफोन और केयर्न एनर्जी जैसी कंपनियों को यदि योजना का लाभ उठाना है तो उन्हें पिछली तिथि से कर लगाने से जुड़े विभिन्न न्यायिक मंचों में चल रहे मामलों को वापस लेना होगा और पिछली तिथि से कर लगाने संबंधी संशोधन की संवैधानिक वैद्यता को चुनौती देने का अपना अधिकार भी छोड़ना होगा.

सीबीडीटी ने आमतौर पर पूछे जाने सवालों का जवाब देते हुये स्पष्ट किया, ‘इसलिये यह स्पष्ट है कि यदि करदाता योजना का लाभ उठाता है तो वह उच्च न्यायालय अथवा उच्चतम न्यायालय में पिछली तिथि से कर लगाने संबंधी आयकर कानून में संशोधन की संवैधानिक वैद्यता को चुनौती नहीं दे सकता है.’ योजना का लाभ उठाने वाली कंपनी को 30 दिन के भीतर प्राधिकृत अभिकरण द्वारा तय मूल कर राशि का भुगतान करना होगा.

Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें