मुंबई : रिजर्व बैंक ने बैंकों से अवैध मुद्रा को बदलने या उसे करने में धोखाधड़ी करने वाले अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने को कहा है. केंद्रीय बैंक ने यह बात ऐसे समय कही है जब लाखों लोग बंद हो चुके 500 और 1,000 रुपये के नोट को बदलने के लिये लाइन में लगे हैं. बैंकों से यह भी कहा गया है कि वे बदले गये या जमा किये गये नोट के बारे में कम समय में मांगने पर जानकारी उपलब्ध कराने को तैयार रहें.
कालाधन पर कार्रवाई करते हुए सरकार ने 500 और 1,000 रुपये के नोट को नौ नवंबर 2016 से बंद कर दिया. रिजर्व बैंक ने कहा, ‘‘यह हमारे नोटिस में आया है कि कुछ जगहों पर कुछ बैंक शाखा के अधिकारी कुछ बदमाशों के साथ मिलकर नोटों को बदलने या उसे जमा करने में धोखाधड़ी में शामिल हैं.’
केंद्रीय बैंक ने कहा, ‘‘इसीलिए बैंकों को सलाह दी जाती है कि वे इस प्रकार की धोखाधडी वाली ेगतिविधियों पर निगरानी बढ़ाकर लगाम लगायें और ऐसी गतिविधियों में शामिल अधिकारियों के खिलाफ कडी कार्रवाई करें।’ आरबीआई ने बैंकों से कहा है कि वे नोट बदलने और उसे अपने ग्राहकों के खातों में जमा करने के मामले में निर्देशों का कडाई से पालन करें. शीर्ष बैंक ने बैंकों से ग्राहकों के आधार पर नोटों के बदलने और उसे जमा करने के बारे में पूरा आंकड़ा रखे. उन्होंने अल्प अवधि में आंकडा मांगने पर ब्योरा उपलब्ध कराने को लेकर तैयार रहना चाहिए.
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