इंदौर : वित्त मंत्री अरुण जेटली ने निजी क्षेत्र से निवेश बढाने का आह्वान करते हुये कहा है कि बेहतर मानसून और मुद्रास्फीति नियंत्रण में रहने के चलते सरल ब्याज दरों से मांग में आई तेजी का उन्हें लाभ उठाना चाहिये. जेटली ने आज यहां मध्य प्रदेश वैश्विक निवेशक शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुये कहा कि सार्वजनिक व्यय बढ़ने से भारत आज दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था बन गया है. निजी क्षेत्र भी निवेश बढ़ाकर इस तेजी में यदि योगदान करता है तो इससे आर्थिक वृद्धि और तेज होगी.
वित्त मंत्री ने हिंदुजा समूह के सह-अध्यक्ष गोपीचंद हिंदुजा की टिप्पणी कि आर्थिक वृद्धि की रफ्तार धीमी है का प्रतिवाद करते हुये कहा, ‘मैं उन्हें याद दिलाना चाहता हूं कि आम तौर पर उद्योग सरकार से एक कदम आगे बढ़कर चलता है लेकिन इस समय हम इतिहास के ऐसे मोड़ पर हैं जहां निजी क्षेत्र सरकार से कुछ पीछे चल रहा है.’ उन्होंने कहा, ‘सार्वजनिक क्षेत्र के निवेश में तेजी आई है, हम आपके (निजी क्षेत्र का) निवेश बढ़ाने की प्रतीक्षा कर रहे हैं. यदि यह निवेश बढता है तो संभवत: आपके समक्ष देश में आर्थिक वृद्धि को बढ़ाने के लिये कुछ और गतिविधियां सामने होंगी.’
प्रधानमंत्री के पास पूरी क्षमता, उन्होंने स्वरुप बदला है : हिंदुजा
हिंदुजा ने निवेशक सम्मेलन को संबोधित करते हुये कहा, ‘एक बेहतर और उर्जावान’ प्रधानमंत्री के हाथ में नेतृत्व होने के साथ भारत के लिये यह बेहतर अवसर है जब विकास के लिये पूंजी आकर्षित की जा सकती है. ‘प्रधानमंत्री के पास पूरी क्षमता है, उन्होंने भारत का स्वरुप बदला है. लेकिन मैं यह भी कहना चाहूंगा कि उनकी टीम को तेजी से आगे बढना होगा. दुर्भाग्य से यह गति उतनी नहीं है जितनी वह देखना चाहते हैं.’ हिंदुजा ने कहा, ‘हम सभी यह मानते हैं कि कोई भी संस्कृति रातों रात नहीं बदल सकती है, इसमें समय लगता है. कुल मिलाकर हम सही रास्ते पर हैं.’ जेटली ने कहा कि दुनिया के कई हिस्सों में आर्थिक सुस्ती के चलते ऐसी स्थिति बनी है कि काफी विदेशी पूंजी देश में आ रही है.
उन्होंने कहा, ‘सौभाग्य से इस साल मानसून अच्छा रहने से हमारा खाद्यान्न उत्पादन अच्छा रहा है. इससे घरेलू मांग बढने के साथ ही मुद्रास्फीति पर भी अंकुश रहेगा. मुद्रास्फीति नियंत्रण में रहने से ब्याज दर में नरमी आएगी और पूंजी की लागत कम होगी. इन सभी फायदों के साथ हमारे समक्ष आने वाले समय में बेहतर अवसर होंगे.’ जेटली ने कहा कि जब पूरी दुनिया आर्थिक चुनौती का मुकाबला कर रही है, भारत ने सम्मानजनक आर्थिक वृद्धि का स्तर बनाये रखा है. वित्त मंत्री ने वैश्विक बाजार में कच्चे तेल और उपभोक्ता जिंसों के अपेक्षाकृत कम दाम को एक आयातक देश के लिहाज से भारत के लिये फायदेमंद बताया.
वैश्विक आर्थिक सुस्ती हमारे समक्ष चुनौती
उन्होंने कहा, ‘इससे जिन संसाधनों की बचत हुई, हम उनका इस्तेमाल ढांचागत परियोजनाओं और ग्रामीण अर्थव्यवस्था में बड़े पैमाने पर कर सके हैं. यह फायदा हमें हुआ है.’ हालांकि, हमारे समक्ष चुनौतियां भी हैं. ‘वैश्विक आर्थिक सुस्ती से हमारे समक्ष परेशानी आई है खास तौर से हमारा अंतरराष्ट्रीय व्यापार इससे प्रभावित हुआ है.’ जेटली ने कहा कि राज्यों के बीच आज प्रतिस्पर्धा बढ़ी है. राज्य एक-दूसरे से प्रतिस्पर्धा कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि केंद्र में निर्णायक सरकार के आने से निर्णय प्रक्रिया आसान हुई है.
वित्त मंत्री ने मध्य प्रदेश की इस बात को लेकर प्रशंसा भी की कि पिछले 13 वर्ष में यह एक बीमारु राज्य से औद्योगिक केंद्र के रूप में बनकर उभरा है. इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने कहा कि सरकार महत्वपूर्ण सुधारों को आगे बढा रही है. सरकार मेक इन इंडिया और डिजिटल संपर्क को बढावा दे रही है. प्रसाद ने कहा कि पिछले एक साल के दौरान राज्य में 40 मोबाइल विनिर्माण कारखानों को स्थापित किया गया है. जल्द ही एक और नया मोबाइल विनिर्माण कारखाना लगने वाला है. इसके अलावा दो इलेक्ट्रॉनिक परिसरों को भी मंजूरी दी गई है.
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