नयी दिल्ली : भारत को महत्वपूर्ण वाणिज्यिक मध्यस्थता केंद्र बनाने पर जोर देते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज कहा कि मुंबई और राष्ट्रीय राजधानी के मध्यस्थता केंद्रों को पुनर्जीवित करने या फिर खड़ा करने के प्रयास किए जा रहे हैं. इसका मकसद अनुबंध को लेकर विवादों का कम लागत में तेजी से निपटान करना है. उन्होंने कहा कि भारत सुस्त विश्व अर्थव्यवस्था में उम्मीद की किरण है और उसने सबसे अधिक प्रत्यक्ष विदेशी निवेश आकर्षित किया है.
देश को निवेशकों का भरोसा जीतने के लिए एक बेहतर व्यवस्था की जरुरत है जिससे विवादों का निपटान तेजी से किया जा सके. वित्त मंत्री ने कहा कि भारत को महत्वपूर्ण मध्यस्थता केंद्र बनाने के लिए, ‘हमें मध्यस्थता के लिए उचित ढांचे की जरुरत है, इस दिशा में हम आगे बढे हैं.’ उनका इशारा मुंबई में मध्यस्थता केंद्र स्थापित करने के लिए हुई प्रगति की ओर था.
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