नयी दिल्ली: प्रमुख मार्गों पर हवाई यात्रा करने वाले यात्रियों को क्षेत्रीय संपर्क योजना के वित्त पोषण के लिए अधिक भुगतान करना होगा. इस योजना के तहत एक घंटे की उड़ान सेवा के लिए 2,500 रुपये की सीमा लगायी गयी है. सरकार को उम्मीद है कि इस योजना के तहत पहली उड़ान जनवरी में होगी. […]
नयी दिल्ली: प्रमुख मार्गों पर हवाई यात्रा करने वाले यात्रियों को क्षेत्रीय संपर्क योजना के वित्त पोषण के लिए अधिक भुगतान करना होगा. इस योजना के तहत एक घंटे की उड़ान सेवा के लिए 2,500 रुपये की सीमा लगायी गयी है. सरकार को उम्मीद है कि इस योजना के तहत पहली उड़ान जनवरी में होगी.
दुनिया में अपनी तरह की इस पहली योजना उड़ान (उड़े देश का आम नागरिक) के तहत ‘फिक्स्ड विंग एयरक्राफ्ट’ में बाजार व्यवस्था के साथ न्यूनतम नौ सीट तथा अधिकतम 40 सीट बोली पर आधारित होगी. योजना के तहत ऐसी उड़ानों में 50 प्रतिशत सीटों के लिये किराया सीमा 2,500 रुपये होगा और शेष के मामले में यह बाजार आधारित कीमत व्यवस्था पर आधारित होगा.
नागर विमानन मंत्री अशोक गजपति राजू ने आज कहा, ‘‘हम सावधानी के साथ उड़ान के लिए आशावान हैं.’ उन्होंने कहा कि योजना के तहत पहली उड़ान जनवरी 2017 में शुरू होने की उम्मीद है.’ उल्लेखनीय है कि कुछ एयरलाइंस योजना के वित पोषण के लिए शुल्क लगाने के प्रस्ताव से नाखुश हैं. योजना का मसौदा जुलाई में पेश किया गया था.
नागर विमानन सचिव आरएन चौबे ने कहा कि शुल्क से संबंधित नियम राजपत्र में दो दिन में प्रकाशित किया जाएगा जबकि इस संदर्भ में सरकारी आदेश माह के अंत तक जारी होगा. उन्होंने कहा कि शुल्क ‘बहुत कम’ होगा.लाभदायक मार्गों पर शुल्क से हवाई किराये में वृद्धि की संभावना है. नागर विमानन राज्यमंत्री जयंत सिन्हा ने कहा, ‘‘वैश्विक स्तर पर यह अपनी तरह का पहला मामला है. हम कुछ ऐसा कर रहे हैं जो पहले कहीं नहीं किया गया है.
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