नयी दिल्ली: प्रवर्तन निदेशालय ने मुंबई के एक पोंजी घोटाला मामले में धनशोधन की जांच के सिलसिले में सिंगापुर के एक बैंक खाते में रखे 91 करोड रुपए से ज्यादा की राशि को कुर्क कर दिया है.धनशोधन रोकथाम कानून (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत कुर्क की गई राशि सिटी लिमोजीन चिटफंड मामले से जुडी है […]
नयी दिल्ली: प्रवर्तन निदेशालय ने मुंबई के एक पोंजी घोटाला मामले में धनशोधन की जांच के सिलसिले में सिंगापुर के एक बैंक खाते में रखे 91 करोड रुपए से ज्यादा की राशि को कुर्क कर दिया है.धनशोधन रोकथाम कानून (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत कुर्क की गई राशि सिटी लिमोजीन चिटफंड मामले से जुडी है और चिटफंड के अध्यक्ष सैयद एम मसूद के खिलाफ जांच चल रही है. उनपर अत्यधिक मुनाफा देने का वादा करके अवैध पोंजी योजनाएं लाने का आरोप है.
अधिकारियों ने कहा कि एजेंसी ने अपने सिंगापुरी समकक्षों की मदद से यह कार्रवाई की और ‘‘सिंगापुर के बैंक खातों में 91.3 करोड रुपए की विदेशी मुद्रा’ को कुर्क कर दिया। इस मामले में अब तक जब्त की गई संपत्ति की कुल कीमत 385 करोड रुपए हो गई है.एजेंसी ने पिछले साल सिंगापुर में 166 करोड रुपए कुर्क किए थे। वर्ष 2012 में उसने स्विस बैंक के खाते में छह करोड रुपए कुर्क किए थे. इसके अलावा पूर्व में उसने ऐसी कई कुर्की की थीं.
केंद्रीय जांच एजेंसी इन राशियों को ‘अपराध में मिला लाभ’ मान रही है.एजेंसी इस मामले की जांच इस संदेह के आधार पर कई रही है कि ‘‘मेसर्स सिटी लिमोजीन्स :इंडिया: लिमिटेड और मैसर्स सिटी रियलकॉम लिमिटेड ने पोंजी योजनाएं लाकर भारी मुनाफा देने का वादा किया. इसके अध्यक्ष और कंपनी के अन्य निदेशकों ने देशभर के हजारों निवेशकों से धोखा करके सैंकडों करोड की राशि जुटाई.’ पीएमएलए के तहत की जाने वाली कुर्की का उद्देश्य आरोपी को गलत तरह से जुटाई गई संपत्ति के लाभ से वंचित करना होता है. इस तरह के आदेश को आरोपी इस कानून के निर्णायक प्राधिकरण में 180 दिन के भीतर चुनौती दे सकता है
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