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खाने -पीने की चीजें महंगी, जुलाई में खुदरा मुद्रास्फीति दो साल के शीर्ष पर

नयी दिल्ली : खुदरा मुद्रास्फीति जुलाई मेंबढकर 6.07 प्रतिशत पर पहुंच गई है जो इसका दो साल का उच्चस्तर है. यह रिजर्व बैंक के संतोषजनक स्तर से कहीं उंची है. खाद्य वस्तुों के दाम चढ़ने से खुदरा मुद्रास्फीति बढी है.त्योहारी सीजन से पहले चीन, तेल-घी तथा मसालों की मांग बढी है. उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित […]

नयी दिल्ली : खुदरा मुद्रास्फीति जुलाई मेंबढकर 6.07 प्रतिशत पर पहुंच गई है जो इसका दो साल का उच्चस्तर है. यह रिजर्व बैंक के संतोषजनक स्तर से कहीं उंची है. खाद्य वस्तुों के दाम चढ़ने से खुदरा मुद्रास्फीति बढी है.त्योहारी सीजन से पहले चीन, तेल-घी तथा मसालों की मांग बढी है. उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति जून में 5.77 प्रतिशत पर थी। जुलाई, 2015 मंे यह 3.69 प्रतिशत थी. मुद्रास्फीति का यह आंकडा सितंबर, 2014 के बाद सबसे उंचा है. उस समय खुदरा मुद्रास्फीति 6.46 प्रतिशत थी. जुलाई में खाद्य मुद्रास्फीति बढकर 8.35 प्रतिशत पर पहुंच गई, जो जून में 7.79 प्रतिशत थी. सरकार ने रिजर्व बैंक के साथ नई मौद्रिक नीति रुपरेखा करार के तहत अगले पांच साल के लिए मुद्रास्फीति का लक्ष्य चार प्रतिशत :दो प्रतिशत उपर या नीचे: रखा है.

जुलाई में चीनी और कन्फेक्शनरी उत्पादों की महंगाई दर बढाकर 21.91 प्रतिशत हो गई, जो जून में 16.79 प्रतिशत थी. इसी तरह तेल-घी वर्ग की मुद्रास्फीति 4.96 प्रतिशत तथा मसालों की 9.04 प्रतिशत पर पहुंच गयी. मोटे अनाजों की मुद्रास्फीति माह के दौरान बढकर 3.88 प्रतिशत रही, वहीं अंडे 9.34 प्रतिशत महंगे हो गए. जून में अंडों की मुद्रास्फीति 5.51 प्रतिशत थी. समीक्षाधीन महीने में दूध और उसके उत्पाद 4.13 प्रतिशत महंगे हुई.
इनकी मुद्रास्फीति जून में 3.43 प्रतिशत थी. अगस्त से देश के विभिन्न स्थानों पर त्योहारों की शुरुआत होती है. इस दौरान मिठाई से लेकर फलों और खाद्य वस्तुओं की मांग बढती है. फलों की मुद्रास्फीति माह के दौरान 3.53 प्रतिशत रही. वहीं सब्जियों के लिए यह 14.06 प्रतिशत तथा दालों के लिए 27.53 प्रतिशत रही. जुलाई में शहरी क्षेत्र के लिए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति 5.39 प्रतिशत रही, जबकि ग्रामीण क्षेत्रों के लिए यह 6.66 प्रतिशत रही.

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