नयी दिल्ली : कालेधन पर बने विशेष जांच दल (एसआईटी) के प्रमुख का मानना है कि मौजूदा समय में सरकार द्वारा कालाधन का खुलासा करने के लिए शुरू की गई एक बार की अनुपालन खिडकी के तहत बिना कर चुकाई संपत्ति का खुलासा नहीं करना ‘मुश्किल’ हो जाएगा. गौरतलब है कि पिछले साल ऐसी ही एक योजना की सीमित सफलता के बाद सरकार ने इसे विदेशों में धन जमा करने वाले लोगों के लिए दोबारा लागू किया है. एसआईटी के चेयरमैन सेवानिवृत्त न्यायाधीश एम. बी. शाह ने कहा कि आयकर विभाग ने मौजूदा योजना के तहत ‘हर दृष्टिकोण पर कडी नजर’ रखी है और इसलिए इस योजना के तहत खुलासा नहीं करना ‘सौ प्रतिशत’ मुश्किल होगा.
शाह ने कहा, ‘पिछली ऐसी योजना सफल नहीं हुई थी या यूं कहें कि यह कुछ हद तक ही सफल रही थी जिसमें यह ध्यान रखा गया था कि यदि कुछ पाया गया तो (बाद के चरण में) मुकदमा चलाया जाएगा जिसका एक हद तक निवारक प्रभाव रहा था.’ उन्होंने कहा कि लेकिन इस बार इस योजना से कर चोरों के लिए काफी मुश्किल होगी. उन्होंने कहा कि पी-नोट्स के मुद्दे को भी काफी हद तक नियंत्रित किया गया है जिससे कर की चोरी करना आसान नहीं रहा है. पिछले साल एसआईटी ने ही बाजार नियामक सेबी से पी-नोट्स के विनियमन की बात कही थी.
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