नयी दिल्ली: भारतीय रेलवे हाई-स्पीड और नियमित ट्रेनों के परीक्षण के लिए रायपुर के निकट एक अत्याधुनिक प्रयोगशाला से लैस 20 किलोमीटर लंबी पटरियां बिछा रही है. इस परीक्षण ट्रैक का इस्तेमाल लोकोमोटिव व बोगियों के अलावा हाई एक्सेल लोड वैगनों के लिए भी किया जाएगा. रेल मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि […]
नयी दिल्ली: भारतीय रेलवे हाई-स्पीड और नियमित ट्रेनों के परीक्षण के लिए रायपुर के निकट एक अत्याधुनिक प्रयोगशाला से लैस 20 किलोमीटर लंबी पटरियां बिछा रही है. इस परीक्षण ट्रैक का इस्तेमाल लोकोमोटिव व बोगियों के अलावा हाई एक्सेल लोड वैगनों के लिए भी किया जाएगा.
रेल मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि वर्तमान में, नई ट्रेनों का परीक्षण मौजूदा रेल नेटवर्कों पर किया जाता है जिससे यातायात में विलंब होता है. इसके अलावा, ये ट्रैक सभी तरह के परीक्षण की परिस्थितियों के लिए उपयुक्त नहीं हैं.परीक्षण ट्रैकों का उपयोग अमेरिका, जापान और दक्षिण कोरिया सहित कई देशों में नई ट्रेनों के परीक्षण के लिए किया जाता है.उन्होंने कहा कि 5 किलोमीटर की लूप लाइन समेत इस 20 किलोमीटर के परीक्षण ट्रैक को करीब 100 करोड रूपये की लागत से विकसित किया जाएगा। इससे रेलवे के अनुसंधान एवं विकास की क्षमताओं को बढाने में मदद मिलेगी.
इस सुविधा का उपयोग लोकोमोटिव के तकनीकी स्वीकार्यता परीक्षणों एवं मंजूरियों, परिचालन की स्थिति में रोलिंग स्टाक और कर्मचारियों के प्रशिक्षण के लिए किया जाएगा. यह रेलवे प्रौद्योगिकी के सभी नए नवप्रवर्तनों व विकास के प्रोटोटाइप परीक्षण के लिए सुविधा संपन्न होगा.उल्लेखनीय है कि रेलवे यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कई तरह के परीक्षण करता है जिसमें कपलर फोर्स ट्रायल, ओसिलेशन ट्रायल और इमर्जेंसी ब्रेकिंग डिस्टेंस ट्रायल शामिल हैं.
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