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वित्त मंत्रालय ने कहा 7.6 प्रतिशत की विकास दर जरूरी

नयी दिल्ली : चालू वित्त वर्ष की अनुमानित 7.6 प्रतिशत की आर्थिक वृद्धि को ‘बहुत बहुत महत्वपूर्ण’ करार देते हुए आर्थिक मामलों के सचिव शक्तिकांत दास ने आज कहा कि सरकार आर्थिक वृद्धि को प्रोत्साहन देने को प्रतिबद्ध है. उनका यह बयान 2016-17 का आम बजट पेश किए जाने से ठीक एक सप्ताह पहले आया […]

नयी दिल्ली : चालू वित्त वर्ष की अनुमानित 7.6 प्रतिशत की आर्थिक वृद्धि को ‘बहुत बहुत महत्वपूर्ण’ करार देते हुए आर्थिक मामलों के सचिव शक्तिकांत दास ने आज कहा कि सरकार आर्थिक वृद्धि को प्रोत्साहन देने को प्रतिबद्ध है. उनका यह बयान 2016-17 का आम बजट पेश किए जाने से ठीक एक सप्ताह पहले आया है. उम्मीद है कि वैश्विक नरमी के बीच घरेलू मांग बढाने के लिए सरकार बजट में सार्वजनिक व्यय बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करेगी ताकि आर्थिक गतिविधियां क्यों को बढावा दिया जा सके.

उन्होंने कहा, ‘‘वैश्विक अर्थव्यवस्था में आज अभूतपूर्व उतार-चढ़ाव का माहौल है. एक समय था जबकि हम कहते थे कि अगले सप्ताह यूरोप या विश्व के कुछ हिस्सों में क्या होने वाला है, हमें नहीं पता. लेकिन आज हम उस स्थिति में आ गए हैं जबकि हमें यह नहीं पता होता कि विश्व के किस हिस्से में कल क्या होने वाला है.’ उन्होंने वित्त मंत्रालय के यूट्यूब चैनल से कहा, ‘‘दुनिया, जिसमें हम रह रहे हैं एक गांव है. इसलिए विश्व के किसी भी हिस्से में हो रही घटना का हमपर प्रभाव पडता है क्योंकि भारत पिछले कई साल से भारत का वैश्विक अर्थव्यवस्था से संपर्क उत्तरोत्तर बढा है. ‘ उन्होंने हालांकि कहा कि भारत वैश्विक संकट के बीच एक आकर्षक स्थान बना हुआ है.
केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) ने 2015-16 के अग्रिम अनुमान में 7.6 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान जताया है जो पिछले पांच साल का उच्चतम स्तर है. दास ने कहा, ‘‘इसलिए चारों ओर अनिश्चितता है, उतार-चढाव है. मुझे लगता है कि इन दिक्कतों के बीच जबकि हम मुश्किलों से घिरे हैं, भारत की आर्थिक गति सुचारू रूप से आगे बढ रही है.’ उन्होंने कहा, ‘‘न सिर्फ हम आगे बढ रहे हैं, इस साल सीएसओ ने कहा कि हम 7.6 प्रतिशत की वृद्धि की उम्मीद कर रहे हैं जो मौजूदा हालात में बहुत बहुत अच्छा माना जा सकता है.
हमें आठ या नौ प्रतिशत की वृद्धि की आदत है लेकिन विश्व के सामने जो समस्या है, उसे देखते हुए 7.6 प्रतिशत की वृद्धि दर बेहद-बेहद महत्वपूर्ण है.’ उन्होंने कहा कि सरकार न सिर्फ वृद्धि बढ़ाने बल्कि इसे कायम रखने के लिए प्रतिबद्ध है. उन्होंने कहा, ‘‘वृद्धि महत्वपूर्ण है क्योंकि वृद्धि से रोजगार सृजन होता है, वृद्धि से ज्यादा अवसर पैदा होते हैं, ज्यादा आर्थिक गतिविधियां होती हैं जिससे ज्यादा विकास होता है.’ भारत की वृद्धि दर पिछले वित्त वर्ष के दौरान 7.2 प्रतिशत थे.

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