मुंबई: फंसे कर्ज के लिए अधिक प्रावधान किए जाने के कारण भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) का एकीकृत शुद्ध लाभ 31 दिसंबर 2015-16 को समाप्त तीसरी तिमाही में 67 प्रतिशत घटकर 1,259.49 करोड़ रुपये रह गया. एसबीआई समूह ने 2014-15 वित्त वर्ष की अक्तूबर दिसंबर तिमाही में 3,828.20 करोड़ रुपये का मुनाफा कमाया था. एकल आधार […]
मुंबई: फंसे कर्ज के लिए अधिक प्रावधान किए जाने के कारण भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) का एकीकृत शुद्ध लाभ 31 दिसंबर 2015-16 को समाप्त तीसरी तिमाही में 67 प्रतिशत घटकर 1,259.49 करोड़ रुपये रह गया. एसबीआई समूह ने 2014-15 वित्त वर्ष की अक्तूबर दिसंबर तिमाही में 3,828.20 करोड़ रुपये का मुनाफा कमाया था.
एकल आधार पर आलोच्य तिमाही में एसबीआई का शुद्ध लाभ 61.6 प्रतिशत घटकर 1,115.34 करोड़ रुपये रह गया. यह एक साल पहले की तिमाही में 2,910.06 करोड़ रुपये था. हालांकि, आलोच्य तिमाही में बैंक की कुल आय बढकर 46,731 करोड़ रुपये हो गयी जो कि पूर्व वित्त वर्ष में 43,784 करोड़ रुपये रही थी.
आलोच्य तिमाही में बैंक ने अपने फंसे कर्ज या गैर निष्पादित आस्तियों (एनपीए) के लिए 7,644.52 करोड़ रुपये का प्रावधान किया जो पूर्व वर्ष की इसी अवधि में 5,327.51 करोड़ रुपये था. सार्वजनिक क्षेत्र के इस प्रमुख बैंक ने एक बयान में कहा है कि एनपीए के लिए जरूरी प्रावधानों पर विचार करने के बाद ही उक्त वित्तीय परिणाम सामने आए हैं. बैंक का सकल एनपीए दिसंबर आखिर में 72,791.73करोड़रुपये रहा. तीसरी तिमाही के अंत में बैंक का सकल एनपीए 5.10 प्रतिशत रहा जो कि एक साल पहले इसी अवधि में 4.90 प्रतिशत था. इसी प्रकार शुद्ध एनपीए 2.89 प्रतिशत रहा जो कि पिछले साल इसी अवधि में 2.80 प्रतिशत पर था.
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