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भारतीय विमानन उद्योग की वादों की रनवे पर दौड़, उतार चढाव भरा रहा साल

नयी दिल्ली : घरेलू विमानन उद्योग ने 2015 के दौरान काफी उतार-चढाव देखे. तीन विमानन कंपनियों ने परिचालन शुरू किया, एक बंद होने की कगार से वापस लौटी, सस्ती विमानन कंपनी सूचीबद्ध हुई और भारत ने सुरक्षा रैंकिंग में फिर से शीर्ष स्थान प्राप्त कर लिया जबकि विमानन नीति का मसौदा अधर में लटका रहा. […]

नयी दिल्ली : घरेलू विमानन उद्योग ने 2015 के दौरान काफी उतार-चढाव देखे. तीन विमानन कंपनियों ने परिचालन शुरू किया, एक बंद होने की कगार से वापस लौटी, सस्ती विमानन कंपनी सूचीबद्ध हुई और भारत ने सुरक्षा रैंकिंग में फिर से शीर्ष स्थान प्राप्त कर लिया जबकि विमानन नीति का मसौदा अधर में लटका रहा. कुल मिलाकर विमानन कंपनियों को अगले साल से अधिक खर्च करना होगा क्योंकि सरकार ने सभी टिकटों पर दो प्रतिशत शुल्क लगाने का प्रस्ताव किया है ताकि क्षेत्रीय संपर्क योजनाओं का वित्तपोषण किया जा सके. हालांकि, नीति के मसौदे में क्षेत्र के लिए विभिन्न किस्म की रियायतों का वादा किया गया है. इधर, नागर विमानन मंत्रालय के सचिव बदले गये जबकि दोनों मंत्री – अशोक गजपति राजू और महेश शर्मा – ने अपने आपको विभिन्न नीतिगत मुद्दों पर अपने को अलग-अलग छोर पर पाया जिनमें हवाई किराये का नियमन का मुद्दा भी शामिल है.

इसके अलावा एम सत्यवती नियामक संस्था डीजीसीए की पहली महिला प्रमुख बनीं. इस साल के अंत में हुई एक दर्दनाक दुर्घटना में एक सेवारत इंजीनियर मुंबई हवाईअड्डे पर एयर इंडिया के विमान इंर्जन ने अपनी ओर खींच लिया जिससे हवाईअड्डे पर सुरक्षा एवं संरक्षा का मामला एक बार फिर गंभीरता के साथ उठा है. चेन्नई हवाईअड्डा दिसंबर की शुरुआत में भारी बाढ की वजह से पांच दिन के लिए अप्रत्याशित तौर पर बंद रहा. नियामकीय मोर्चे पर प्रतिस्पर्धा आयोग ने जेट एयरवेज, इंडिगो और स्पाइसजेट पर हवाई माल ढुलाई मामले में कथित तौर पर साठगांठ करते हुये ईंधन अधिभार लगाने पर 258 करोड़ रुपये का कुल जुर्माना लगाया.

इस आदेश को उन्होंने चुनौती दी. इस साल के लिए निराशाजनक बात यह रही कि, हालांकि, सरकार फिर से तैयार विमानन नीति का अंतिम स्वरुप देने में नाकाम रही. इसी नीति में भारतीय विमानन कंपनियों द्वारा अंतरराष्ट्रीय परिचालन के लिए मौजूदा मानदंडों की स्थिति के बारे में फैसला किया जाएगा. ऐसा कनिष्ठ मंत्री शर्मा द्वारा नीति के कार्यान्वयन की संभावित समयसीमा रखने के बावजूद हुआ. साल 2015 की शुरुआत नयी विमानन कंपनी ‘विस्तार’ की नौ जनवरी को दिल्ली से मुंबई को हुई पहली उडान शुरू होने के साथ शुरू हुआ. टाटा-एसआईए का यह संयुक्त उद्यम एयर इंडिया और जेट एयरवेज के बाद तीसरी विमानन कंपनी बन गया जो पूर्ण घरेलू सेवा प्रदान करेगी.

दोनों विमानन कंपनियों के मुकाबले विस्तार ने अपने विमानन में पारंपरिक तौर पर मौजूद बिजनेस और इकॉनामी के अलावा नया केबिन क्लास – प्रीमियम इकॉनामी – पेश किया गया. दो क्षेत्रीय विमानन कंपनियां – एयर पेगैसस और ट्रूजेट – ने भी दक्षिण में सेवा शुरू करने के साथ उडान भरी. स्पाइसजेट ने लगभग बंद होने की कगार पर पहुंचने के बाद नये प्रवर्तक अजय सिंह के नेतृत्व में फिर से रफ्तार पकडी जिन्होंने मारन बंधु से कंपनी की लगाम अपने हाथ में ली. पिछले नौ साल में विमानन कंपनी की ओर से आने वाला पहला आईपीओ – इंटरग्लोब एवियेशन (इंडिगो की मूल कंपनी) ने अपना पूंजी बाजार में उतारा और पूंजी बाजार से 3,000 करोड रुपये से अधिक राशि जुटाई.

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