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विचाराधीन कैदियों के लिए कानूनी मदद सेवा शुरू करेगी भारती एंटरप्राइजेज

नयी दिल्ली: भारती एंटरप्राइजेज ने एक कानूनी सहायता सेवा शुरु करने का फैसला किया है. इसके तहत पहली बार मामूली अपराधों में जेल में बंद विचाराधीन कैदियों को कानूनी मदद उपलब्ध कराई जाएगी. कंपनी के चेयरमैन सुनील भारती मित्तल इस पहल के वित्तपोषण के लिए अपने वेतन से 5 करोड रुपयेका योगदान देंगे. ‘न्याय भारती’ […]

नयी दिल्ली: भारती एंटरप्राइजेज ने एक कानूनी सहायता सेवा शुरु करने का फैसला किया है. इसके तहत पहली बार मामूली अपराधों में जेल में बंद विचाराधीन कैदियों को कानूनी मदद उपलब्ध कराई जाएगी. कंपनी के चेयरमैन सुनील भारती मित्तल इस पहल के वित्तपोषण के लिए अपने वेतन से 5 करोड रुपयेका योगदान देंगे. ‘न्याय भारती’ नामक इस पहल की शुरुआत भारती द्वारा 10 करोड रुपये के वित्तपोषण से होगी. इसके तहत जिला अदालत स्तर के विचाराधीन कैदियों की जमानत व मुचलके का भुगतान कर उनकी मदद की जाएगी. भारती एंटरप्राइजेज के चेयरमैन सुनील मित्तल ने कहा, ‘‘हम सबसे पहले न्याय भारती की शुरआत दिल्ली-एनसीआर और पंजाब में करेंगे. बाद में जम्मू-कश्मीर, हरियाणा और राजस्थान जैसे राज्यों में भी इसे शुरु किया जाएगा.

भारती एयरटेल इस परियोजना के लिए कारपोरेट सामाजिक दायित्व :सीएसआर: के तहत हर साल 10 करोड रुपयेका योगदान करेगी.” देश की सबसे बडी दूरसंचार कंपनी भारती एयरटेल भारती एंटरप्राइजेज की इकाई है. मित्तल ने बताया कि इसमेंसे आधी राशि यानी 5 करोड रुपये का योगदान वह अपने वेतन से करेंगे. वित्त वर्ष 2014-15 में मित्तल को 27.17 करोड रुपयेका वेतन मिला था. यह पहल एक अप्रैल, 2016 से शुरु की जाएगी. इसके तहत युवा वकीलों को जोडा जाएगा जो विचाराधीन कैदियों का मामला देखेंगे. ऐसे लोगों को जमानत बांड आदि के जरिये कानूनी मदद उपलब्ध कराई जाएगी.
मित्तल ने बताया कि एक अनुमान के अनुसार भारत की 1,387 जेलों में करीब 2,80,000 विचाराधीन कैदी बंद हैं. यह कुल कैदियों की संख्या का 68 प्रतिशत है. उन्होंने कहा कि सिर्फ पहली बार मामूली अपराध में जेल मेंबंद कैदियों की ही मदद की जाएगी. उन्हांेने कहा कि कई विचाराधीन कैदी तो अपनी सजा की मियाद से भी अधिक समय तक जेल में बंद हैं. उन्होंने कहा कि अपने मामले में पटियाला कोर्ट जाने के बाद उनके मन मेंइस तरह की पहल का विचार आया.
इसके अलावा भारती सीएसआर के तहत शिक्षा व साफ सफाई पर भी पहल चला रही है. मित्तल ने कहा कि ज्यादातर विचाराधीन कैदी जेल में इसलिए बंद रह जाते हैं क्योंकि उन्हें कानून की जानकारी नहीं होती। वे अपने आजादी के अधिकार को नहीं जानते, जमानत या मुचलके की मामूली राशि नहीं जुटा पाते। न्याय भारती के तहत निष्पक्ष लोगों की एक जांच समिति गठित की जाएगी, जो यह तय करेगी कि कौन से मामले में मदद करनी है. इस पहल को भारती एंटरप्राइजेज की परमार्थ इकाई भारती फाउंडेशन के तहत संचालित किया जाएगा.
इसका अलग संचालन बोर्ड होगा. भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश ए एस आनंद संचालन बोर्ड के चेयरमैन होंगे. 12 सदस्यीय बोर्ड के अन्य सदस्यों में पूर्व सालिसिटर जनरल हरीश एन साल्वे और वरिष्ठ अधिवक्ता मनिंदर सिंह, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के मीडिया सलाहकार रह चुके संजय बारु, मित्तल और उनके भाई राकेश भारती मित्तल होंगे. सीएसआर के तहत भारती एंटरप्राइजेज एक साल में 100 करोड रुपयेखर्च करेगी. यह राशि स्कूलों और शौचालयों के निर्माण तथा न्याय भारती पर खर्च की जाएगी.

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