नयी दिल्ली: भारत का निर्यात लगातार चौथे महीने बढ़ा और अप्रैल में इसमें 1.6 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज हुई लेकिन सोने का आयात बढ़ने से व्यापार घाटा बढ़कर 17.7 अरब डालर हो गया.
समीक्षाधीन अवधि में सोने और चांदी का अयात 138 प्रतिशत बढ़कर 7.5 अरब डालर जो गया जो अप्रैल 2012 में 3.1 अरब डालर था.
वाणिज्य सचिव एस आर राव ने यहां संवाददाताओं से कहा ‘‘आयात में 10.9 प्रतिशत की अनावश्यक वृद्धि देखी गई जो आम तौर पर सोने का आयात बढ़ने के कारण हुआ.’’ अप्रैल में निर्यात 24.16 अरब डालर का रहा जबकि पिछले साल के इसी महीने में यह 23.7 अरब डालर था.
बढ़ते व्यापार घाटे पर चिंता जाहिर करते हुए राव ने कहा कि सरकार इसे कम करने के लिए पहल करेगी.
उन्होंने कहा ‘‘सरकार बढ़ते व्यापार असंतुलन से चिंतित है और सोने के आयात का जायजा लेगी. साथ ही बढ़ते व्यापार घाटे पर नियंत्रण के लिए सोच-विचार कर कदम उठाया जाएगा.’’ जनवरी में 30 अरब डालर का आंकड़ा छूने के बाद फरवरी में यह घटकर 14.9 अरब डालर पर आ गया और मार्च में यह 10.3 अरब डालर रहा. सोने के आयात के प्रति रुझान कम करने से जुड़ी पहल के मद्देनजर विदेश व्यापार महानिदेशक अनूप पुजारी ने कहा कि सरकार ने कुछ शुल्क लगाया है लेकिन कीमत में भारी गिरावट से इसका असर कम हो गया है.
उन्होंने कहा ‘‘सोने का आयात बहुत अधिक है. यह स्वीकार्य नहीं है. दरअसल हम सब इससे आश्चर्यचकित हैं.’’ सोने और चांदी के अलावा कच्चे तेल का आयात चार प्रतिशत, धातु व कचरे का 52 प्रतिशत और रसायन का आयात 23 प्रतिशत बढ़ा. मई 2012 से लगातार आठ महीने की गिरावट के बाद भारत का निर्यात जनवरी 2013 में वृद्धि के दायरे में आया.
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