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मोबाइल ऐप्प की मदद से लिखी जा रही हैं नयी प्रेम कहानियां

नयी दिल्ली : अगर आप सिंगल हैं और किसी का साथ चाहते हैं लेकिन आपको पता नहीं है कि अपने सपनों के साथी की तलाश कैसे और कहां करें तो अब डेटिंग ऐप्प की मदद लीजिए अपनी पसंद का साथी चुनने में आपकी मदद करते हैं.भारत में हाल के महीनों में मोबाइल डेटिंग ऐप्प तेजी […]

नयी दिल्ली : अगर आप सिंगल हैं और किसी का साथ चाहते हैं लेकिन आपको पता नहीं है कि अपने सपनों के साथी की तलाश कैसे और कहां करें तो अब डेटिंग ऐप्प की मदद लीजिए अपनी पसंद का साथी चुनने में आपकी मदद करते हैं.भारत में हाल के महीनों में मोबाइल डेटिंग ऐप्प तेजी से उभरे हैं और काफी सफल भी साबित हो रहे हैं.

‘ट्रूलीमैडली’ जैसे लोकप्रिय ऐप्प का कहना है कि ऐसे लोग जो अकेले हैं और अपने साथी की तलाश कर रहे हैं उनके लिए वह डेटिंग और मैचमेकिंग का सबसे सुरक्षित मंच है. कंपनी के सह संस्थापक सचिन भाटिया ने एंड्रॉयड, आईओएस और विडोंज ऑपरेटिंग सिस्टम का इस्तेमाल करने वाले भारतीयों के लिए इस तरह के ऐप्प के निर्माण की वजह का खुलासा करते हुए कहा कि भारत में सामाजिक एवं सांस्कृतिक नियमों में महत्वपूर्ण बदलाव देखा जा रहा है जो उसे इस तरह के ऐप्प के लिए उपयुक्त बाजार बनाता है.
उन्होंने एक साक्षात्कार में कहा, ‘‘देश में स्वतंत्र मानसिकता की ऐसी लडकियां हैं जो धर्म, जाति, पंथ की सीमाओं से परे लडकों को डेट करना चाहती हैं. वे ऐसा करने के लिए केवल एक सुरक्षित माहौल चाह रही थीं. हम इसी के निर्माण की कोशिश कर रहे हैं
एक दूसरे भारतीय डेटिंग ऐप्प ‘वू’ के सह संस्थापक और सीईओ सुमेश मेनन ने कहा, ‘‘किस्मत से भारत ने तेजी से यह तकनीक अपनायी है. दस लाख लोग वू का इस्तेमाल कर रहे हैं और हर दिन करीब 10,000 नई जोडियां बन रही हैं जिसके साथ हम देख सकते हैं कि कैसे लोगों ने संपर्क बनाने के इस नए तरीके को अपनाया है.’ टीवी पर आजकल इस तरह के डेटिंग ऐप्प के कई विज्ञापन आ रहे हैं जिसे लोग काफी पसंद भी कर रहे हैं.
जहां ‘ट्रूलीमैडली’ के विज्ञापन में कुछ लडकियों को अपनी दोस्तों के साथ लडकों को निहारते दिखाया गया है और इसके साथ एक नये शब्द ‘ब्यॉय ब्राउजिंग’ की इजाद की गयी है, वहीं ‘वू’ के विज्ञापन में एक युवक और एक युवती को बार बार एक दूसरे के सामने आते और आखिरकार मुस्कुराते दिखाया गया है.मेनन ने कहा कि युवा पीढी अपने लिए साथी के चयन का फैसला अपने हाथों में चाहती है.
उन्होंने कहा, ‘‘25 से 35 साल की उम्र के बहुत सारे लोग अपने परिवार पर भरोसा करने की बजाए मैचमेकिंग की पूरी प्रक्रिया अपने हाथों में चाहते हैं.’ मेनन ने कहा, ‘‘चूंकि उपलब्ध मेट्रिमॉनियल साइट और ऐप्प उन्हें नहीं लुभाते, प्रेम और जीवनसाथी की तलाश के लिए एक आधुनिक तरीके की जरुरत थी.

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