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रेलवे की चालाकी, किराया बढ़ाया दो प्रतिशत लेकिन यात्रियों को देने होंगे अतिरिक्त पैसे

नयी दिल्ली : बढ़े हुए रेल किराए प्रभाव में आ जाने के कारण रेल में यात्रा करना आजसे महंगा हो गया. सोमवार से स्लीपर और एसी समेत सभी श्रेणियों के किराए में 2 फीसदी की वृद्धि होने के कारण राजधानी की एसी प्रथम श्रेणी में बेंगलूर से दिल्ली की यात्रा करने वाले यात्रियों को अब […]

नयी दिल्ली : बढ़े हुए रेल किराए प्रभाव में आ जाने के कारण रेल में यात्रा करना आजसे महंगा हो गया. सोमवार से स्लीपर और एसी समेत सभी श्रेणियों के किराए में 2 फीसदी की वृद्धि होने के कारण राजधानी की एसी प्रथम श्रेणी में बेंगलूर से दिल्ली की यात्रा करने वाले यात्रियों को अब 95 रुपये ज्यादा देने होंगे.पंजाब मेल में एसी प्रथम श्रेणी से फिरोजपुर से मुंबई की यात्रा करने के लिए अब 75 रुपये ज्यादा देने होंगे.

हालांकि यहां से मुंबई के लिए राजधानी की एसी द्वितीय श्रेणी में यात्रा करने पर 40 रुपये ज्यादा देने होंगे. जम्मू राजधानी की एसी प्रथम श्रेणी में जम्मू तक यात्रा करने पर 35 रुपये अतिरिक्त देने होंगे. ये नए किराए उन टिकटों पर भी लागू होंगे जो 7 अक्तूबर या उसके बाद की यात्रा के लिए पहले ही जारी कर दिए गए हैं.

रेलवे ने किराये में भले ही दो प्रतिशत की वृद्धि की है, लेकिन राउंड ऑफ सिस्टम लागू होने के कारण यात्रियों को 66 प्रतिशत तक अधिक किराया देना होगा. जैसे कि अगर यात्रियों को अब पैसेंजर ट्रेनों में 11-14 रुपये तक का किराया होने पर न्यूनतम 15 रुपये चुकाने होंगे और 16-19 रुपये तक का किराया होने पर 20 रुपये देने होंगे. इससे उनपर दो से चार रुपये तक का अतिरिक्त बोझ पडेगा.

इसी तरह रिजर्वेशन कराने वाले यात्रियों को यह किराया 10 के गुणक में देना होगा. अगर किसी यात्री का टिकट 211 रुपये का है तो उससे 220 रुपये लिए जाएंगे. रेलवे ने भले ही फुटकर की दिक्कत को मूल वजह बताई है, लेकिन यह रेलवे की बाजीगरी है. इससे रेलवे ने कागजों पर जो बढ़ोतरी दिखाई है, उससे कहीं ज्यादा आय होगी.

हालांकि उपनगरीय रेलों में द्वितीय श्रेणी की टिकटों और मासिक टिकटों के किराए में कोई वृद्धि नहीं की गई है. डीजल और बिजली की बढ़ी कीमतों की वजह से 1200 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ ङोल रहे रेलवे ने यात्री किराये और माल भाडे के पुनर्निधारण का फैसला किया. किराए के इस पुनर्निधारण को ईंधन समायोजन(फ्यूल एडजस्टमेंट कंपोनेंट)के साथ जोड़ा जा रहा है.

एफएसी को यात्री किराये और माल भाडे के साथ जोड़ने का प्रस्ताव रेलमंत्री दिनेश त्रिवेदी ने 2012-13 के रेल बजट में दिया था.रेल मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘‘पिछले छह माह में लागत बढ़ने की वजह से किरायों के पुनर्निधारण का फैसला लिया गया. ईंधन की कीमत में 7.3 फीसदी की वृद्धि हुई है जबकि बिजली की कीमत में 15.5 फीसदी की वृद्धि हुई है.

’’इस बार रेल किरायों में वृद्धि एक साल में दूसरी वृद्धि है. इस बार यात्री किरायों में हुई 2 प्रतिशत की वृद्धि 7 अक्तूबर से प्रभावी होगी जबकि एफएसी के तहत माल भाड़े में लगभग 1.7 फीसदी की वृद्धि 10 अक्तूबर से प्रभावी होगी.

इससे पहले रेलवे ने अप्रैल में एफएसी के तहत माल भाड़े में 5.7 फीसदी की वृद्धि की थी. इसके बाद व्यस्त मौसम के शुल्क के रुप में 1 अक्तूबर से 15 फीसदी की वृद्धि की गई थी. रेलवे ने 2013-14 के रेल बजट से पहले 22 जनवरी को यात्री सेवा के तहत किराए में 15 फीसदी की वृद्धि की थी. अधिकारी ने कहा कि यात्री किराये और मालभाड़े में वृद्धि से रेलवे को वर्तमान वित्तीय वर्ष के अंतिम छह माह में 1,250 करोड़ रुपये जुटाने में मदद मिलेगी.

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