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लघु इकाइयों के लिये आसान कर्ज और प्रवेश तथा निकासी के सरल ढांचे की सिफारिश

नई दिल्ली: सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों(एमएसएमई )की समस्याओं पर गौर करने के लिये गठित एक सरकारी समिति ने अपनी अंतिम रिपोर्ट कैबिनेट सचिव अजीत कुमार सेठ को सौंप दी.समिति ने अपनी सिफारिशों में एमएसएमई के लिये कर्ज की दिक्कतें दूर करने और लघु उद्योग क्षेत्र में प्रवेश तथा बाहर निकलने के लिये सक्षम कार्यप्रणाली […]

नई दिल्ली: सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों(एमएसएमई )की समस्याओं पर गौर करने के लिये गठित एक सरकारी समिति ने अपनी अंतिम रिपोर्ट कैबिनेट सचिव अजीत कुमार सेठ को सौंप दी.समिति ने अपनी सिफारिशों में एमएसएमई के लिये कर्ज की दिक्कतें दूर करने और लघु उद्योग क्षेत्र में प्रवेश तथा बाहर निकलने के लिये सक्षम कार्यप्रणाली बनाने पर जोर दिया है.

सरकार ने एमएसएमई सचिव माधव लाल की अध्यक्षता में एक अंतर मंत्रलयी समिति गठित की थी. समिति का गठन लघु इकाईयों की समस्याओं पर गौर करने और क्षेत्र मे विनिर्माण गतिविधियों को बढ़ावा देने के बारे में सुझाव देने के लिये किया गया.एक अधिकारी ने बताया ‘‘हमने अपनी सिफारिशें सरकार को सौंप दी. इसमें हमने अल्प एवं मध्यम अवधि में क्षेत्र के विस्तार और वृद्धि के लिये सिफारिश की है. समूची मूल्य श्रंखला में हमने एमएसएमई के ठीक ढंग से एकीकरण के वास्ते भी सुझाव दिये हैं.’’

अधिकारी ने कहा समिति ने लघु इकाइयां शुरु करने के लिये सरल नियम बनाने, लघु इकाइयों को आसानी से कर्ज उपलब्ध कराने, श्रम कानून में सुधार और अक्षम व्यवसाय को बंद करने के लिये उपयुक्त ढांचा तैयार किये जाने के सुझाव दिये हैं.लघु औद्योगिक इकाइयां कई तरह की समस्याओं से जूझ रही हैं. इस क्षेत्र से निर्यात में गिरावट आई है. कर्ज काफी महंगा मिल रहा है, प्रौद्योगिकी भी काफी पुरानी है, कुशल श्रमिकों की कमी है और इस क्षेत्र में प्रवेश और इससे बाहर निकलने के नियम काफी सख्त हैं.

लाल के अलावा इस समिति में श्रम सचिव एम. सारंगी, कपड़ा सचिव जोहरा चटर्जी और औद्योगिक नीति एवं संवर्धन विभाग के सचिव सौरभ चंद्र शामिल हैं

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