नयी दिल्ली : रेटिंग एजेंसी फिच रेटिंग्स ने आज कहा कि आस्ति गुणवत्ता में सुधार के कारण इस साल सार्वजनिक बैंकों की लाभप्रदता पर दबाव कम हो सकता है हालांकि गत वित्त वर्ष चुनौती भरा रहा था. फिच रेटिंग्स ने ‘इंडियन बैंक रिपोर्ट कार्ड वित्त वर्ष 2015’ में यह निष्कर्ष निकाला है.
इसके अनुसार, ‘बांड ट्रेजरी लाभ तथा आस्ति गुणवत्ता पर दबाव के चरम पर पहुंचने के चलते दबाव घटना शुरू हो सकता है.’ हालांकि अल्पकालिक स्तर पर आय में सार्थक सुधार की संभावना कम है. इसके अनुसार, ‘आस्ति गुणवत्ता पर दबाव तथा कमजोर पूंजी के चलते मार्च 2015 में समाप्त वित्त वर्ष 2015 में भारत के सार्वजनिक बैंकों का निष्पादन चुनौतीपूर्ण बना रहा.’
रपट के अनुसार, ‘व्यापक आर्थिक मोर्चे पर क्रमिक सुधार के बावजूद कमजोर ऋण मांग के चलते वित्त वर्ष 2015 भारतीय बैंकों के लिए कठिन साल रहा. विशेषकर सार्वजनिक बैंकों के समक्ष आस्ति गुणवत्ता दबाव, लाभप्रदता में गिरावट तथा कमजोर पूंजीकरण जैसी चुनौतियां बनी रहीं.’
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