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इस्पात आयात मई में 58 प्रतिशत बढा, खपत 6.8 प्रतिशत बढी

नयी दिल्ली : भारत का इस्पात आयात मई में 58 प्रतिशत बढकर करीब 10 लाख टन हो गया जिससे संकेत मिलता है कि घरेलू उत्पादकों के लिए कठिन दौर है और इन पर कीमत और चीन एवं कोरिया जैसे देशों से सस्ते आयात का दबाव है. दूसरी ओर उद्योग के लिए उम्मीद की किरण यह […]

नयी दिल्ली : भारत का इस्पात आयात मई में 58 प्रतिशत बढकर करीब 10 लाख टन हो गया जिससे संकेत मिलता है कि घरेलू उत्पादकों के लिए कठिन दौर है और इन पर कीमत और चीन एवं कोरिया जैसे देशों से सस्ते आयात का दबाव है. दूसरी ओर उद्योग के लिए उम्मीद की किरण यह है कि इस्पात की खपत पिछले महीने सालाना आधार पर 6.8 प्रतिशत बढकर 72.34 लाख टन हो गई.

इस्पात मंत्रालय के तहत आने वाली संयुक्त संयंत्र समिति के आंकडों के मुताबिक मई 2015 में इस्पात आयात 58 प्रतिशत बढकर 9.1 लाख टन रही. अप्रैल में इसमें 20.4 प्रतिशत की बढोतरी दर्ज हुई थी. वित्त वर्ष 2015-16 के पहले दो महीनों में भारत इस्पात का निवल आयातक रहा. अप्रैल-मई 2014-15 के दौरान भारत का इस्पात आयात 54.5 प्रतिशत अधिक 16.7 लाख टन का रहा. इसी तरह 2013-14 के मुकाबले 2014-15 में आयात 71 प्रतिशत बढकर 93.2 लाख टन रहा.

रेटिंग एजेंसी मूडीज के मुताबिक मार्च 2016 में समाप्त हो रहे चालू वित्त वर्ष में इस्पात आयात में कमी आने की उम्मीद नहीं है. पिछले सप्ताह भारत ने चीन समेत तीन देशों से आयातित कुछ इस्पात उत्पादों पर पाटन रोधी शुल्क लगाया है ताकि घरेलू उत्पादकों को सुरक्षा प्रदान की जा सके. इस पहल से इस्पात के आयात में बढोतरी पर लगाम लगने की उम्मीद है.

पाटन रोधी शुल्क महानिदेशालय (डीजीएडी) की जांच में पाया गया कि घरेलू उत्पाद को मात्रा और शुल्क दोनों लिहाज से बहुत नुकसान हुआ. एक अन्य सकारात्मक घटनाक्रम है इस्पात खपत में बढोतरी जिसमें धीरे-धीरे बढोतरी दर्ज हुई और उम्मीद है कि घरेलू कंपनियों की आय एवं मुनाफे में बढोतरी होगी. मई 2015 में भारत में तैयार इस्पात की कुल खपत साल दर साल आधार पर 6.8 प्रतिशत बढकर 72.34 लाख टन रही. वहीं अप्रैल 2015 के मुकाबले यह 31.3 प्रतिशत अधिक है.

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