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विश्व की 2000 शक्तिशाली कंपनियों में से 56 भारत में : फोर्ब्स

न्यूयार्क : फोर्ब्स ने सबसे बडी और शक्तिशाली सूचीबद्ध कंपनियों की सालाना सूची जारी की है. इस सूची के अनुसार विश्व की 200 सबसे बडी और शक्तिशाली सूचीबद्ध कंपनियों में 56 भारत की कंपनियां शामिल हैं. यह बात फोर्ब्स की सालाना सूची में कही गई जिसमें 579 कंपनियों के साथ अमेरिका शीर्ष पर है. मुकेश […]

न्यूयार्क : फोर्ब्स ने सबसे बडी और शक्तिशाली सूचीबद्ध कंपनियों की सालाना सूची जारी की है. इस सूची के अनुसार विश्व की 200 सबसे बडी और शक्तिशाली सूचीबद्ध कंपनियों में 56 भारत की कंपनियां शामिल हैं. यह बात फोर्ब्स की सालाना सूची में कही गई जिसमें 579 कंपनियों के साथ अमेरिका शीर्ष पर है.

मुकेश अंबानी के नेतृत्व वाली रिलायंस इंडस्टरीज फोर्ब्स की 2015 की ‘ग्लोबल 2000’ सूची में 56 भारतीय कंपनियों में अग्रणी है. इस सूची में विश्व की सबसे बडी कंपनियों की रुपरेखा प्रस्तुत की गई है और इससे स्पष्ट है कि मौजूदा वैश्विक कारोबार परिदृश्य में अमेरिका और चीन प्रभुत्व की स्थिति में है. लगातार दूसरे साल शीर्ष एक से 10 कंपनियों में दोनों देशों का ही स्थान रहा. फोर्ब्स ने कहा कि पहली बार चीन के चार सबसे बडे बैंक शीर्ष चार स्थानों पर हैं. चीन में विश्व की 232 सबसे बडी कंपनियां हैं और यह पहली बार जापान को पार कर अन्य देशों से आगे बढ गया है.

इधर 218 कंपनियों के साथ जापान तीसरे स्थान पर आ गया. भारत ने पिछले साल की सूची में दो और कंपनियां जोडीं. रिलायंस इंडस्टरीज इस सूची में 142वें स्थान पर है जो पिछले साल के 135वें स्थान से नीचे है. रिलायंस का बाजार मूल्यांकन 42.9 अरब डालर और बिक्री 71.7 अरब डालर रहा. रिलायंस के बाद भारतीय स्टेट बैंक बैंक का स्थान रहा जो 152वें स्थान है और उसका बाजार मूल्यांकन 33 अरब डालर है.

जिन अंन्य भारतीय कंपनियों से इस सूची में जगह बनाई उनमें ओएनजीसी (183), टाटा मोटर्स (263), आईसीआईसीअई बैंक (283), इंडियन आयल (349), एचडीएफसी बैंक (376), एनटीपीसी (431), टीसीएस (485), भारती एयरटेल (506), एक्सिस बैंक (558), एक्सिस बैंक (558), इन्फोसिस (672), भारत पेट्रोलियम (757), विप्रो (811), टाटा स्टील (903) और अडाणी एंटर प्राइजेज (944) शामिल हैं.

इस साल की ‘ग्लोबल 2000’ कंपनियां 61 देशों से हैं इनकी आय 3,900 अरब डालर है, मुनाफा 3,000 अरब डालर, परिसंपित्त 1,62000 अरब डालर और बाजार मूल्यांकन 48,000 अरब डालर है. फोर्ब्स ने कहा कि बाजार में तेजी के कारण ‘ग्लोबल 2000’ कंपनियों का कुल बाजार मूल्यांकन सालाना स्तर पर नौ प्रतिशत बढा. ब्रिटेन 95 कंपनियों के साथ चौथे स्थान पर रहा. यूरोप ने कुल मिलाकर 20 स्थान खोए और इस साल इस सूची में उसकी 486 कंपनियां रही और एशिया (691) और उत्तरी अमेरिकी (645) से पीछे रही.

फ्रांस शीर्ष पांच देशों में शामिल नहीं हो पाया और यह स्थान दक्षिण कोरिया को मिला जबकि अर्जेंटीना और सायप्रस ने इस साल पहली बार इस सूची में अपनी जगह बनाई. इस सूची में 200 नई कंपनियां हैं जिसमें यात्र कंपनी एक्सपीडिया और लग्जरी जेवरात खुदरा विक्रेता टिफनी जैसे कुछ लोकप्रिय नाम शामिल रहे. फोर्ब्स ने कहा कि इस सूची में सबसे अधिक बढत हासिल करने वाली कंपनियों में फेसबुक शामिल रही जिसने अपनी आय और मुनाफे की मदद से 200 स्थानों की छलांग लगाई.

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