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औद्योगिक उत्पादन वृद्धि दर फरवरी में 5%, नौ माह का सबसे अच्छा आंकडा

नयी दिल्ली : विनिर्माण एवं खनन गतिविधियों में तेजी आने के साथ-साथ पूंजीगत सामानों की खरीदारी बढने से फरवरी में औद्योगिक उत्पादन में नौ माह की सर्वाधिक तेजी दर्ज की गयी और औद्योगिक वृद्धि दर 5 प्रतिशत रही. औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आइआइपी) की घटबढ के आधार पर उत्पादन गतिविधियों का आकलन किया जाता है. एक […]

नयी दिल्ली : विनिर्माण एवं खनन गतिविधियों में तेजी आने के साथ-साथ पूंजीगत सामानों की खरीदारी बढने से फरवरी में औद्योगिक उत्पादन में नौ माह की सर्वाधिक तेजी दर्ज की गयी और औद्योगिक वृद्धि दर 5 प्रतिशत रही. औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आइआइपी) की घटबढ के आधार पर उत्पादन गतिविधियों का आकलन किया जाता है. एक साल पहले फरवरी माह में इसमें दो प्रतिशत गिरावट दर्ज की गयी थी.

वित्त वर्ष 2014-15 के 11 महीने के दौरान औद्योगिक उत्पादन की वृद्धि 2.8 प्रतिशत रही जबकि इससे पिछले वर्ष इसी अवधि में इसमें 0.1 प्रतिशत गिरावट आयी थी. केंद्रीय साख्यिंकी संगठन (सीएसओ) के आज जारी आंकडों के अनुसार जनवरी 2015 में आइआइपी 2.6 प्रतिशत के अस्थायी आंकडे से बढकर 2.77 प्रतिशत हो गया. औद्योगिक उत्पादन में विनिर्माण क्षेत्र का 75 प्रतिशत योगदान है. फरवरी 2015 में विनिर्माण क्षेत्र में इससे पिछले साल के मुकाबले 5.2 प्रतिशत वृद्धि दर्ज की गयी.

हालांकि, एक साल पहले फरवरी में इसमें 3.9 प्रतिशत गिरावट आयी थी. वर्ष के दौरान अप्रैल से फरवरी के दौरान विनिर्माण क्षेत्र में पिछले साल इसी अवधि में जहां 0.7 प्रतिशत गिरावट आयी थी वहीं 2014-15 में इसमें 2.2 प्रतिशत वृद्धि दर्ज की गयी. खनन क्षेत्र में फरवरी में 2.5 प्रतिशत वृद्धि हुई. पिछले वर्ष फरवरी में 2.3 प्रतिशत वृद्धि हुई थी. अप्रैल-फरवरी 2014-15 में खनन क्षेत्र के उत्पादन में 1.5 प्रतिशत वृद्धि हुई.

इससे पिछले वर्ष इस अवधि में क्षेत्र का उत्पादन 0.7 प्रतिशत घटा था. अर्थव्यवस्था में मांग का पैमाना माने जाने वाले पूंजीगत सामानों के क्षेत्र के उत्पादन में फरवरी में 8.8 प्रतिशत की जोरदार वृद्धि दर्ज की गयी जबकि पिछले साल इसमें 17.6 प्रतिशत की भारी गिरावट आयी थी. पूंजीगत सामानों में अप्रैल-फरवरी 2014-15 के दौरान उत्पादन में 6 प्रतिशत वृद्धि हुई जबकि पिछले साल इसी अवधि में इस क्षेत्र का उत्पादन 2.6 प्रतिशत घटा था.

सीएसओ आंकडों के अनुसार फरवरी में एक साल पहले के मुकाबले विनिर्माण क्षेत्र के 22 उद्योग समूहों में से 15 में वृद्धि दर्ज की गयी. फरवरी में विद्युत उत्पादन 5.9 प्रतिशत बढा जबकि एक साल पहले इसी महीने में इसमें 11.5 प्रतिशत वृद्धि हुई थी. फरवरी में सकल उपभोक्ता सामानों का उत्पादन 5.2 प्रतिशत बढा जबकि पिछले साल फरवरी में इसमें इतनी ही गिरावट आई थी. हालांकि, टिकाउ उपभोक्ता वस्तुओं का उत्पादन फरवरी में 3.4 प्रतिशत घट गया जबकि पिछले साल फरवरी में इसमें 9.8 प्रतिशत गिरावट रही थी.

आधिकारिक आंकडों के अनुसार गैर-टिकाउ उपभोक्ता वस्तुओं का उत्पादन फरवरी में 10.7 प्रतिशत बढा है. पिछले साल इसी माह इसमें 2 प्रतिशत गिरावट आई थी. अप्रैल-फरवरी 2014-15 के 11 महीनों में बिजली उत्पादन एक साल पहले की इसी अवधि के 6.2 प्रतिशत के मुकाबले 9.1 प्रतिशत बढा. उपभोक्ता वस्‍तुओं का उत्पादन आलोच्य अवधि में 3.7 प्रतिशत घट गया जबकि पिछले साल इसी अवधि में यह 2.9 प्रतिशत गिरा था.

सीएसओ आंकडों के अनुसार फरवरी 2015 में त्वरित अनुमान के अनुसार आधार वर्ष 2004-05 का औद्योगिक उत्पादन सूचकांक 181.3 अंक रहा जो कि फरवरी 2014 के सूचकांक 172.7 अंक के मुकाबले 5.0 प्रतिशत ऊंचा रहा. इसी प्रकार अप्रैल से फरवरी 2014-15 का सकल सूचकांक 174.9 अंक रहा जो कि इससे पिछले साल इसी अवधि में 170.1 अंक रहा था. इसमें 2.8 प्रतिशत वृद्धि रही.

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