न्यूयार्क : भेदिया कारोबार में दोषी ठहराये गये गोल्डमैन साक्स के पूर्व निदेशक रजत गुप्ता की उन्हें दोषमुक्त किये जाने की याचिका के खिलाफ अमेरिकी सरकार का पक्ष रखते हुये सरकारी वकील ने कहा है कि गुप्ता को मामले में कोई छूट नहीं दी जानी चाहिये, क्योंकि सरकार ने उसके खिलाफ पर्याप्त सबूत दिये हैं. सरकारी अभियोजक के मुताबिक ‘संभावित लाभ की उम्मीद’ में अवैध तरीके से सूचनायें पहुंचाने के मामले में गुप्ता के खिलाफ पर्याप्त सबूत दिये गये हैं.
अभियोजक ने कहा, कि आइआइटी और हार्वर्ड से शिक्षा प्राप्त मैकेंजी के पूर्व प्रमुख को हेज-फंड चलाने वाले उनके अरबपति मित्र राज राजरतनम को गुप्त सूचनायें देने के एवज में ‘ठोस वित्तीय प्रोत्साहन’ मिलता था. भारतीय मूल के गुप्ता भेदिया कारोबार मामले में दो साल की सजा काट रहे हैं.
न्यूयार्क के दक्षिणी जिले के अटार्नी प्रीत भरारा ने सरकार की ओर से एक ज्ञापन सौंपा है जिसमें गुप्ता की उस याचिका का विरोध किया गया है जिसमें गुप्ता ने एक अपीलीय अदालत द्वारा हाल में दिये गये फैसले के आधार पर उन्हें भी दोषमुक्त करने का आग्रह किया है. अपीलीय अदालत में ऐसे ही एक मामले में हेज कोष प्रबंधकों टोड न्यूमैन और एंथनी चियासन को भेदिया कारोबार मामले में दोषी ठहराने के फैसले को उलट दिया गया.
अदालत में गुरुवार को दाखिल दस्तावेजों में सरकारी वकील ने कहा कि गुप्ता बेगुनाह नहीं है, क्योंकि उसने कंपनी में काम करते हुये अपनी स्थिति का दुरुपयोग किया और राजरतनम को लगातार अंदर की सूचनायें दीं, जिनका फायदा उठाते हुये राजरतनम ने करोडों डालर का अवैध लाभ कमाया. गुप्ता को भेदिया कारोबार मामले में 2012 में दोषी करार दिया गया और वह जून 2014 से दो साल की सजा भुगत रहे हैं. उन पर 50 लाख डालर का जुर्माना भी लगाया गया.
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