नयी दिल्ली : सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र (पीएसयू) के बैंकों को सलाह दी है कि वे अल्पसंख्यकों को अधिक ऋण दें ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि उन्हें अपनी जनसंख्या के अनुपात में कर्ज मिले. अल्पसंख्यक मामलात सचिव अरविंद मायाराम ने हाल ही में बैंकरों के साथ बैठक की थी जिसमें अल्पसंख्यकों को रिण बढाने का फैसला किया गया.
बैठक में यह फैसला किया गया है कि प्रत्येक अल्पसंख्यक समुदाय को कर्ज के प्रतिशत में अल्पसंख्यक जनसंख्या में उनकी भागीदारी के हिसाब से बढोतरी की जाए. जनसंख्या के लिहाज से मुस्लिम सबसे बडा समुदाय है जबकि उसके बाद क्रमश: इसाई व सिख समुदाय आता है.
भारतीय रिजर्व बैंक के परिपत्र के अनुसार इसके अलावा पारसी, बौद्ध व जैन भी अल्पसंख्यक समुदायों में आते हैं. अल्पसंख्यकों को कर्ज का मुद्दा कल वित्तमंत्री अरुण जेटली की सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक प्रमुखों के साथ बैठक में भी उठा था. एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि एक अक्तूबर से 31 दिसंबर 2014 तक बैंकों ने अल्पसंख्यक बहुल इलाकों में 238 नयी शाखाएं खोलीं.
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