मुंबई: हाल के समय में सामने आए चिटफंड धोखाधड़ी मामलों के बाद वित्तीय क्षेत्र के नियामकों ने इस तरह की निवेश योजनाओं पर लगाम के लिए समन्वय तथा सूचनाओं के आदान प्रदान को एक अलग मंच के गठन का फैसला किया है.
रिजर्व बैंक की ओर से कल जारी बयान के अनुसार, वृहद आर्थिक स्थिति तथा डालर के मुकाबले रपये में आई भारी गिरावट के मद्देनजर एफएसडीसी की बैठक में स्थिरता तथा घरेलू वित्तीय प्रणाली को संभावित जोखिम की स्थिति की समीक्षा की गई.
वित्तीय स्थिरता एवं विकास परिषद (एफएसडीसी) की उप समिति की बैठक के बाद सामूहिक निवेश योजनाओं के बारे में अंतर एजेंसी समन्वय तथा सूचनाओं के आदान प्रदान को लेकर फोरम के गठन का फैसला किया गया.
यह कदम हाल में पश्चिम बंगाल में सारदा चिट फंड घोटाला सामने आने के बाद उठाया गया है. इस घोटाले में निवेशकों को हजारों करोड़ रपये का नुकसान हुआ है. रिजर्व बैंक के गवर्नर डी सुब्बाराव की अध्यक्षता में हुई बैठक में सेबी, बीमा नियामक इरडा और पेंशन कोष नियामक पीएफआरडीए के प्रमुख भी शामिल हुए.
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